शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Hindi poem
Written By

कविता : मर्ज

कविता : मर्ज - Hindi poem
- पंकज सिंह
 
किया खूब इलाज 
मर्ज निकला लाइलाज 
ना आई तुझको लाज 
बेशर्म कब आओगी बाज 
 
जिन्दगी समझ बजाया साज
किया खूब रियाज 
गमों की गिरी ऐसी गाज 
तबीयत हुई नासाज 
 
किया ना जाए काज 
बिना पतवार का जहाज 
पत्थरों से टकराता आगाज 
ना करना तुम ऐतराज  
 
खत्म हुए अब अल्फाज 
तबस्सुम में कहां ताज 
नहीं समझना मुगल महाराज 
जो यादों में बनवायेगें ताज 
ये भी पढ़ें
आपको चौंका देंगे हरी मिर्च खाने के ये 7 बेहतरीन फायदे...