सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे
संकलन-फेसबुक
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगेछोड़ो मेहंदी खड़ग संभालोखुद ही अपना चीर बचा लोद्यूत बिछाए बैठे शकुनि,...
मस्तक सब बिक जाएंगेसुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे |कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से,कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों सेस्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैंवे क्या लाज बचाएंगेसुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी हैहोंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी हैतुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,किसको क्या समझाएंगे?सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे....