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Written By WD

वापस खींचो सारे छुरे

असद जैदी

वापस खींचो छुरे असद जैदी कविता पहल
WDWD
वापस खींचो सारे छुरे
जो तुमने घोंपे थे
हँसली के ऊपर गुर्दों के आसपास
लौटाओ लोगों को मुर्दाघरों से

इमर्जेंसी वार्ड में जहाँ ड्‍यूटी पर लगे
दो उनींदे डॉक्टर तुम्हारे किसी शिकार को
बचाने की कोशिश कर रहे हैं
वे ऐसे तो उसे बचा नहीं पाएँगे

खींचकर वापस लाओ
उन सब मरते हुए लोगों को
बिठाओ उन्हें उनकी बैठकों और काम करने की जगहों में
सुनो उनसे उनके पसंदीदा मज़ाक

जब उनमें से किसी की औरत चाय लेकर आए
तो हस्बे-मामूल बोलो नमस्ते भाभी
और कोई बच्चा-बच्ची झाँकते दिखाई दें तो
बुलाओ और कहो देखो ये रहे तुम्हारे पापा

वापस लो अपनी चश्मदीद गवाहियाँ
जिनका तुमने रिहर्सल किया था
बताओ ‍कि इबारत और दीद भयानक धोखा थीं
और याददाश्त एक घुलनशील ज़हर

फिर से लिखो अपना
सही सही नाम और काम

उन समाचारों को फिर से लिखो
जो अफ़वाहों और भ्रामक बातों से भरे थे
कि कुछ भी अनायास और अचानक नहीं था
दुर्घटना दरअसल योजना थी

मत पोंछो हर जगह से अपनी उँगलियों के निशान
छुड़ाओ अपने बालों से वह बेहूदा ख़िज़ाब

फिर से बनाओ वही हथेलियाँ
जो पसीजती थीं एक मासूम पशुता से
और मनुष्यता के ताप से।

साभार : पहल