यही खूबसूरत लम्हा रहा होगा
-साधना भाया
वह लड़की दुनिया की निगाहों सेछुपाकर...गुपचुपमोहब्बत के कसीदेकाढ़ती है और अगले पलघबराकर उन्हें उधेड़ भी देती है इसी कश्मकश में सारी रातमधुमालती की झुरमुट मेंहथेलियों पर गाल टिकाये सफेद से गुलाबी होती पंखुरियों कोदेखने में गुजार देती है।हवाओं में बौराती नर्गिसी गंधतारों जड़े आसमान में डोलता जर्द चाँदऔर नीले समुंदर को जिस लम्हे ने बाँधा होगा शब्दों में यकीनन यह वही खूबसूरत लम्हा रहा होगाजो उस लड़की के होठों पर कविता बन मचला होगा धड़कनों में पहली किलकारी बन गूँजा होगा यह वही रेशमी लम्हा रहा होगा जब कँपकँपाती उँगली ने... हौले सेढलका दी होगी मुद्दत से ठिठकी ओस की बूँद और अधखिला गुलाबपंखुरी-पंखुरी हो गया होगायकीनन उस लड़की कीनि:शब्द प्रेम कहानी मेंयही खूबसूरत लम्हा रहा होगा।