किडनी कैंसर जागरूकता दिवस: समय पर जांच और इलाज तो किडनी कैंसर से पीड़ितों की बच सकती है जान
इंदौर। हर वर्ष किडनी कैंसर जागरूकता दिवस मनाने का उद्देश्य यही है कि लोग इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूक हों और समय पर इसके लक्षण पहचानकर जांच करवाएं। किडनी कैंसर में गुर्दों (किडनी) की कोशिकाएं असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं और कैंसर का रूप ले लेती हैं। यह बीमारी शुरुआत में बिना लक्षण के बढ़ती है, इस कारण से इसे पकड़ पाना मुश्किल होता है। यदि समय रहते पता चल जाए, तो इलाज के अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। इस दिवस के जरिए लोगों को समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
इंदौर के सीएचएल अस्पताल की डॉ. ईशा तिवारी अरोरा के अनुसार किडनी कैंसर के अधिकतर मामले अनुवांशिक कारणों से होते हैं, यानी परिवार में किसी को यह बीमारी रही हो तो अगली पीढ़ी में भी इसका खतरा बढ़ जाता है। हालांकि इसके पीछे कोई एक ठोस कारण नहीं बताया जा सकता, लेकिन स्मोकिंग, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और प्रदूषण इसके जोखिम को बढ़ाते हैं। कई बार किडनी कैंसर की पहचान समय पर नहीं हो पाती, क्योंकि शुरुआत में यह बिना लक्षण के रहता है। ऐसे में लोगों को समय-समय पर मेडिकल चेकअप करवाना चाहिए। यदि किसी एक किडनी में कैंसर हो भी जाए, तो दूसरी किडनी के सहारे व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है।
मेदांता अस्पताल के डॉ. जय अरोरा ने बताया कि किडनी से जुड़ी समस्याएं अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहीं। आजकल युवाओं में भी किडनी कैंसर और अन्य किडनी से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। किडनी की समस्या 100 में से लगभग 14 लोगों में देखी जाती है, लेकिन इनमें से सिर्फ दो लोगों को ही सही जानकारी होती है। यही कारण है कि लोगों को इसकी जांच के प्रति सजग होना चाहिए। अच्छी बात यह है कि अब इंदौर में किडनी कैंसर के लिए आधुनिक जांच और उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां आधुनिक सर्जरी, न्यूनतम चीरा विधि (मिनिमली इनवेसिव सर्जरी) और कैंसर की रोकथाम के लिए बेहतरीन इलाज मौजूद है। अगर बीमारी को शुरुआती चरण में पकड़ लिया जाए, तो इलाज के बेहतर नतीजे मिलते हैं।