तुम उजाला हो
उजाला : 6 नई कविताएँ
रवीन्द्र नारायण पहलवान उजाला-7मैं दीपक कोजलाए रखूँगा, क्योंकि मैं जाना चाहता हूँमंजिल तक।उजाला-8अँधेरा मुझे नहीं भटका पाएगा, उजाले की खोज से।उजाला-9तुम उजाला होऔर मैं पथिक।उजाला-10रोशनी खोजने के लिएपहलेहिम्मत होना जरूरी है।उजाला-11अंधकारजरूर दूर होगायदिविश्वास का दीपकजलता रहे।
उजाला-12अंधकार दूर करने के लिएप्रकाश कीकेवल एक किरणकाफी है ।