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जब नहीं रहूँगा
नन्दकिशोर आचार्य जब नहीं रहूँगाकौन करेगा यादजो भी याद आएगातब मैं कहाँ हूँगा? होगा किसी का द्वेषकिसी की नफ़रतकिसी का भयकिसी का प्रतिशोधकिसी की ग्लानिअन्य चेहरों मेंजैसे मैत्री के चेहरे में द्वेषश्रद्धा के चेहरे में भयकरुणा के चेहरे में प्रतिशोधबीच में प्रेम भी शायद ! मेरे बहाने सब करेंगे यादअपने कोकैसा लगता है उन्हें क्या खो गया उनका। ख़ुद मुझ पर क्या गुजरती हैक्या खो दिया होगाक्या पा लिया होगाकितना दुख, कितनी राहतमेरे न रहने पर कौन जानेगाकहेगा कौन? साभार : अक्षरा