- लाइफ स्टाइल
» - साहित्य
» - काव्य-संसार
इस जहां में प्यार महके
देवमणि पांडेय इस जहां में प्यार महके जिन्दगी बाकी रहेये दुआ माँगो दिलों में रोशनी बाकी रहे।दिल के आँगन में उगेगा ख्वाब का सब्जा जरूरशर्त है आँखों में अपनी कुछ नमी बाकी रहे।हर किसी से दिल का रिश्ता काश हो कुछ इस तरहदुश्मनी के साए में भी दोस्ती बाकी रहे।आदमी पूरा हुआ तो देवता बन जाएगाये जरूरी है कि उसमें कुछ कमी बाकी रहे। लब पे हो नगमा वफा का दिल में ये जज्बा भी होलाख हों रुसवाइयां पर आशिकी बाकी रहे।दिल में मेरे पल रही है ये तमन्ना आज भीइक समंदर पी चुकूं और तिश्नगी बाकी रहे।साभार : अक्षरम् संगोष्ठी