what is international booker prize hindi: 20 मई 2025 को लंदन के टेट मॉडर्न में आयोजित एक भव्य समारोह में, कर्नाटक की लेखिका, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता बानू मुश्ताक ने अपनी कन्नड़ भाषा में लिखी गई लघुकथा संग्रह 'Heart Lamp' के लिए प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया। यह पुरस्कार न केवल कन्नड़ साहित्य के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि यह पहली बार है जब किसी कन्नड़ भाषा की पुस्तक और लघुकथा संग्रह को यह सम्मान प्राप्त हुआ है। बानू मुश्ताक की 'Heart Lamp' 12 लघुकथाओं का संग्रह है, जिसे उन्होंने 1990 से 2023 के बीच लिखा। इन कहानियों में दक्षिण भारत की मुस्लिम महिलाओं के जीवन, संघर्ष, धर्म, जाति, शक्ति और उत्पीड़न जैसे विषयों को संवेदनशीलता और गहराई से प्रस्तुत किया गया है। लेखिका ने स्वयं कहा, "इन महिलाओं के दर्द और संघर्ष ने मेरे भीतर गहरी भावनात्मक प्रतिक्रिया उत्पन्न की, जिसने मुझे लिखने के लिए प्रेरित किया।"
अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार: अनुवादित साहित्य का वैश्विक मंच
अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विश्व साहित्य में अनुवादित फिक्शन को सम्मानित करता है। इस पुरस्कार के तहत विजेता लेखक और अनुवादक को £50,000 (लगभग 58 लाख) की राशि समान रूप से प्रदान की जाती है। 2025 में, यह पुरस्कार पहली बार किसी कन्नड़ भाषा की पुस्तक और लघुकथा संग्रह को मिला, जिससे क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं के साहित्य को वैश्विक पहचान मिली।
क्या है अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज?
दुनिया में जब भी श्रेष्ठ साहित्यिक पुरस्कारों की बात होती है, तो अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज (International Booker Prize) का नाम शीर्ष पर आता है। यह पुरस्कार विश्व के उन साहित्यिक रचनाकारों को दिया जाता है, जिनकी कृतियां मूल रूप से अंग्रेज़ी भाषा में नहीं लिखी गईं, लेकिन उनका अंग्रेज़ी में उत्कृष्ट अनुवाद किया गया हो। यह पुरस्कार वैश्विक साहित्य को एकजुट करने, अनुवादकों की भूमिका को सम्मान देने और विभिन्न भाषाओं की समृद्ध परंपराओं को सामने लाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की शुरुआत साल 2005 में हुई थी। शुरुआत में यह पुरस्कार हर दो साल में उन लेखकों को दिया जाता था, जिनके पूरे साहित्यिक करियर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली हो। लेकिन 2016 से इसका स्वरूप बदला गया, और इसे हर साल एक एकल पुस्तक (Single Work of Fiction) को प्रदान किया जाने लगा, जो अंग्रेजी में अनुवादित हो।
इस बदलाव के बाद, अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज ने न केवल अनुवादक की भूमिका को समान महत्व देना शुरू किया, बल्कि उन लेखकों को भी मंच प्रदान किया जो अंग्रेजी के बाहर की भाषाओं में लिखते हैं। यह पुरस्कार अब हर साल एक लेखक और अनुवादक की जोड़ी को प्रदान किया जाता है।
अब तक के प्रमुख विजेता
2025: Heart Lamp (बानू मुश्ताक, कन्नड़ से अनुवादित – भारत)
2022: Tomb of Sand (गीतांजलि श्री, हिंदी से अनुवादित – भारत)
2020: The Discomfort of Evening (Marieke Lucas Rijneveld – डच से)
2018: Flights (Olga Tokarczuk – पोलिश से)
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