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  4. Indores poet Pradeep Kant, decorated with Suryaprakash Chaturvedi Award
Written By WD Feature Desk
Last Updated :इंदौर , शुक्रवार, 2 मई 2025 (14:54 IST)

इंदौर के कवि प्रदीप कांत, सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी सम्मान से अलंकृत

सुनता हूं बीमार दोस्त है वक्त मिले तो चल कर देखूं.

Suryaprakash Chaturvedi
बन कर मोम पिघलकर देखूं
अंधियारे को खल कर देखूं
 
सुनता हूं बीमार दोस्त है
वक्त मिले तो चल कर देखूं
 
जीत सुना सच की होती है
कुछ दिन खुद को छल कर देखूं 
 
शायद सूरज की किरणें हैं
आंख जरा सी मल कर देखूं
 
अगर न भाइ तुमको यह भी
फिर से बात बदल कर देखूं 
 
महफिल तो अब उठने को है 
अब तो राज उगल कर देखूं....
 
यह उन गजलों में से एक है जिन्हें प्रदीप कांत ने सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी सम्मान पाने के बाद सुनाई। 
 
क्रिकेट लेखक और हिन्दी साहित्य समिति के पूर्व प्रधानमंत्री सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी की स्मृति में उनके परिवार द्वारा स्थापित यह प्रथम सम्मान शहर के कवि-गजलकार प्रदीप कांत को दिया गया। क्रिकेट कॉमेंटेटर, लेखक सुशील दोषी, प्रभा चतुर्वेदी, हिन्दी साहित्य समिति के कार्यवाहक प्रधानमंत्री घनश्याम यादव और समारोह के संयोजक जवाहर चौधरी ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया। 
 
प्रारंभ में जवाहर चौधरी ने कहा कि सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी अंग्रेजी के प्रोफसर थे, पर सेवा हिन्दी की करते रहे। उन्होंने हिन्दी में क्रिकेट पर उस दौर में लिखना शुरू किया जब क्रिकेट पर हिन्दी में किताबें हीं नहीं थीं। हिन्दी के साथ ही वे उर्दू शायरी भी बेहद पसंद करते थे। हजारों शेर उन्हें जबानी याद थे। 
 
प्रदीप कांत पर चौधरी ने कहा कि वे हिन्दी गजल के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। वे छोटी बहर की गजल लिखते हैं, उनमें एक शब्द भी फिजूल नहीं होता। उनकी कसी हुई गजलें चमत्कृत करती हैं। उनकी गजलों-गीतों में समाज की विसंगतियां उसी तरह रेखांकित होती हैं जिस तरह कोई व्यंग्यकार करता है। 
 
सुशील दोषी ने पुरस्कार की स्थापना के लिए चतुर्वेदी परिवार की प्रशंसा की साथ ही आईपीएल क्रिकेट में हिन्दी कमेंट्री के गिरते स्तर पर दुख जताया। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग हिन्दी कमेंट्री कर रहे हैं, उन्हें सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी कि क्रिकेट पर लिखी किताबें पढऩा चाहिए। समारोह में सम्मान पत्र का वाचन हरे राम वाजपेयी ने किया। संचालन पुष्पेन्द्र दुबे ने और आभार पुनीत चतुर्वेदी ने माना।

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