गुरुवार, 21 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. आलेख
  4. Indore Literature Festival 2017 Padmavati controversy
Written By

पद्मावती के जवाब के माध्यम से उठे ज्वलंत सवाल

पद्मावती के जवाब के माध्यम से उठे ज्वलंत सवाल - Indore Literature Festival 2017 Padmavati controversy
इंदौर साहित्य महोत्सव में द्वितीय दिन का सत्र गर्मागर्म रहा। पद्मावती विवाद पर आयोजित सत्र में लेखक विजय मनोहर तिवारी ने पद्मावती के नाम पर लिखे अपने चर्चित पत्र के वाचन से कार्यक्रम का आरंभ किया। इस सत्र को वेबदुनिया के संपादक जयदीप कर्णिक ने संचालित किया। इस सत्र में समीक्षक भावना सौमेया और फिल्मकार जेडी (जर्नलिज्म डिफाइन) के निर्देशक शैलेंद्र पांडे प्रमुख वक्ता के रूप में शामिल रहे।  
 
भावना सौमेया ने कहा कि जब किसी ने फिल्म देखी नहीं है तो कैसे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि फिल्म में कुछ गलत ही होगा। क्या हमने फिल्मकार की मेहनत और शोध के बारे में सोचा है? 
 
पत्रकार विजय मनोहर तिवारी ने पत्र वाचन के बाद कई ज्वलंत सवालों को उठाया सचाई यह है कि हम बहुत ही अराजक किस्म के समाज में रहते हैं जहां आंदोलनों और विरोध की वजह से कभी भी कुछ भी हो सकता है। मैं आंदोलनों के पक्ष में नहीं हूं पर ऐसा क्यों हुआ इस पर भी विचार आवश्यक है। कोई दूसरा आकर ऐसा करें तो उसे तो रोका जा सकता है लेकिन इसी देश का कोई व्यक्ति जो इतिहास को जानने का दावा करे और इस तरह से कल्पना का अभिस्पर्श देकर सिनेमैटिक लिबर्टी के नाम पर भावनाओं को आहत करे, उसे कैसे स्वीकार करें... 
 
शैलेंद्र पांडे के अनुसार, हिन्दू समाज के देवी-देवताओं के बारे में हर कोई कुछ भी दिखा देता है लेकिन किसी अन्य धर्म के बारे में व्यक्त करने का कोई सोच भी नहीं सकता। ऐसा विरोधाभास क्यों? ऐसी विडंबना क्यों? जब हम किसी ऐतिहासिक किरदारों पर फिल्म बनाते हैं तो हमारी जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है क्योंकि आज की भागमभाग वाली जिंदगी में किसी के पास इतना समय नहीं है कि वह मोटी-मोटी किताबों को पढ़ें ऐसे में वह फिल्मों के माध्यम से ही इतिहास को याद रखता है। 
 
विजय मनोहर तिवारी ने पद्मावती को लिखे अपने डेढ़ हजार शब्दों के पत्र का जवाब भी (पद्मावती की तरफ से) डेढ़ हजार शब्दों में लिखा और सत्र के समापन में उन्होंने उसका भी वाचन किया। 
ये भी पढ़ें
रोमांस गीत: घूंघट पट से नयन झांकती