ब्रश पर पेस्ट लगाकर मसूड़ों एवं दाँतों के मिलन स्थान एनामल पर रखकर ब्रश को तीन-तीन दाँतों पर धीरे-धीरे ऊपर-नीचे हर दाँत पर आगे-पीछे, दाएँ-बाएँ घुमाएँ यही प्रक्रिया सभी दाँतों के लिए अपनाएँ।
इसी प्रकार हर दाँत की भीतरी सतह को धीरे-धीरे साफ करें।
दाँतों की चबाने वाली सतह पर ब्रश को रखकर आगे-पीछे चलाएँ।
दाँतों के तालू की ओर व जबान की ओर के हिस्से को साफ करने के लिए ब्रश के आगे के सिरे का उपयोग करें।
जीभ को नियमित साफ अवश्य करें क्योंकि यहीं पर अधिकांश कीटाणु जमे रहते हैं।
ब्रश करने के पश्चात् अच्छी तरह कुल्ला करें एवं मसूड़ों की हल्की-हल्की मालिश कर फिर से अच्छी तरह कुल्ला करें।
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रात्रि को नियमित रूप से इसी प्रकार संपूर्ण ब्रश की प्रक्रिया दोहराएँ।
बहुत ताकत व जोर से दाँतों पर ब्रश नहीं करें।
दंत सुरक्षा के कुछ ऊपर दिए गए नियमों का पालन करें और पान, तंबाकू, सिगरेट, गुटखे आदि का सेवन न करें। जरा-सी भी दाँतों की समस्या होने पर तुरंत अपने दंत चिकित्सक की सलाह लें। यदि आप अपने दाँतों की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे तो दाँत भी आपके शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए जीवन भर साथ देंगे।