Cancer Day 2024: 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। कैंसर एक भयानक और लाइलाज रोग माना जाता है। यदि इसे प्राथमिक स्टेज में ही डिटेक्ट कर लिया जाए तो यह इलाज के द्वारा ठीक हो सकता है। इसके ठीक होने की संभावना इस पर निर्भर करती है कि यह किस टाइप का कैंसर है। आओ जानते हैं कि खानपान और लाइफ स्टाइल में बदलाव करके किस तरह से कैंसर को ठीक किया जा सकता है।
1. क्या न खाएं:- गेहूं, चीनी यानी शक्कर, सपेद चावल, सफेद नमक, लाल मिर्च, दूध, मछली, मीट, सोयाबीन, अंडा, जंक फूड, फास्ट फूड, चाय, कॉफी, पनीर, मैदा, बेसन, कोल्ड ड्रिंक, चिकन, मिठाई, नूडल्स, सॉफ्ट ड्रिंक, स्टेरॉयड युक्त प्रॉडक्ट, प्रोसेस्ठ फूड, फ्रोजन फूड, फ्रीज में रखा खाना, बासी खाना, डंबा बंद फूड, पेस्टिसाइड फूड आदि। इसके अलावा शराब, तंबाकू और सिगरेट से दूर रहें।
2. क्या खाएं:- जिस अन्न में फाइबर की मात्रा ज्यादा है उस अन्न और भोजन को अपनाएं। जैसे मक्का की रोटी का उपयोग करें। हल्दी और अंगूर का सेवन जरूर करें। अपनी डाइट में फल, सब्जियों और अन्य फूड्स को जरूर शामिल करें। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। ज्वार, मक्का, जौ, बाजरा से बने खाद्य पदार्थ, ककड़ी, टमाटर, बीन्स, करौंदे, फलियां, सभी तरह के सलाद, ग्रीन टी पिएं, जूस, आंवला, टमाटर, नींबू पानी, फल, सेब, चकोतरा, नाशपाती, लहसुन, पपीता, चकुंदर, अमरूद, अनार, गाजर, ब्रोकली, अखरोट, फूलगोभी, रागी, तुलसी का रस, जवारे का ज्यूस, चिया सीड्स, अलसी, काली मिर्च, हरी पत्तेदार सब्जी, शहतूत, स्मूदी का सेवन ही करना होगा।
3. शक्कर का त्याग करना जरूरी:- कैंसर से जुड़े 9 साल लंबे एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया है कि शक्कर कैंसर की कोशिकाओं को एक तरह से जागृत कर देती है और इससे ट्यूमर बनने की गति बढ़ जाती है। बेल्जियम में वलाम्स इंस्टीट्यूट वूर बॉयोटेक्नोलॉजी (वीआईबी), कथोलिएके यूनिवर्सिटी लियूवेन (केयू लियूवेन) और व्रिजे यूनिवर्सिटीइट ब्रसेल (वीयूबी) ने यह अध्ययन कर वारबर्ग प्रभाव (जिसमें शक्कर के कारण कैंसर की कोशिकाएं तेजी से टूट जाती है और ट्यूमर बनने की गति को बढ़ा देती है) को स्पष्ट किया। आईबी-केयू लियूवेन से जोहान थिवेलिन ने कहा कि हमारे अनुसंधान से खुलासा हुआ है कि कैसे शक्कर के सेवन से अतिसक्रिय कैंसर की कोशिकाएं कैंसर को पैदा करने के गति को बढ़ा देती है।
4. एक्सरसाइज:- प्रतिदिन योगासन नहीं कर सकते हैं तो सूर्य नमस्कार को ही अपनी जीवनशैली का अंग बनाएं। यह भी नहीं कर सकते हैं तो कम से कम आधा घंटा प्रात:काल धूप में घूमने का नियम बनाएं। यह भी नहीं कर सकते हैं तो घर में 10 मिनट तक हल्की फुल्की कसरत करें, रस्सी कूदें या डांस करें। पर्याप्त नींद लें और तनाव से दूर रहें।
5. इंटरमिटेंट फास्टिंग:- यह कई प्रकार की होती है। पहला है कि व्यक्ति इसमें डिनर के बाद 18 घंटे तक कुछ भी नहीं खाता और पीता है। यानी सुबह का चाय और नाश्ता भी छूट जाता है। कई लोग 16\8 की फास्टिंग कहते हैं यानी 16 घंटे उपवास और 8 घंटे खानपान, वहीं महिलाओं के लिए 14 से 15 घंटे की सलाह दी जाती है ऐसे में उनके पास 10 घंटे होते हैं। कुछ लोग एक सप्ताह में 24 घंटे कुछ भी नहीं खाते पीते हैं। कुछ लोग सप्ताह में 2 दिन उपवास करते हैं।
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