क्या आपका ब्रश दे रहा है बीमारियों को न्योता, ओरल हेल्थ के लिए कब बदलना चाहिए ब्रश
Prevention of oral problems: दांतों की सफाई के लिए सही ब्रश का इस्तेमाल बहुत जरूरी है। अगर ब्रश समय पर नहीं बदला जाए, तो यह आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। पुराने और घिसे हुए ब्रश बैक्टीरिया का घर बन जाते हैं, जिससे कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। आइये जानते हैं क्यों ज़रूरी है समय पर ब्रश बदलना?
ब्रश न बदलने से हो सकने वाली बीमारियां
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मुँह के छाले और संक्रमण:पुराने ब्रश पर जमा बैक्टीरिया मुँह में संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
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गम डिजीज (मसूड़ों की बीमारियां): समय पर ब्रश न बदलने से मसूड़ों में सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है।
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सांसों की दुर्गंध (Bad Breath): ब्रश की सफाई ठीक से न होने पर मुंह से दुर्गंध आने लगती है।
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दांतों की सड़न (Tooth Decay): घिसे हुए ब्रश से दांतों की सफाई सही से नहीं हो पाती, जिससे दांतों में कैविटी हो सकती है।
कब और कितने समय में बदलना चाहिए ब्रश?
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हर 3 महीने में बदलें ब्रश:डेंटिस्ट्स के अनुसार हर तीन महीने में ब्रश बदलना चाहिए।
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ब्रश के घिसने पर तुरंत बदलें:अगर ब्रश के ब्रिसल्स जल्दी खराब हो जाएं, तो तीन महीने का इंतजार न करें।
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बीमार होने के बाद ब्रश बदलें:सर्दी, खांसी, फ्लू या किसी अन्य संक्रमण से ठीक होने के बाद ब्रश जरूर बदलें।
ब्रश चुनने के सही तरीके
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सॉफ्ट ब्रिसल्स वाला ब्रश चुनें:सॉफ्ट ब्रिसल्स मसूड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाते और बेहतर सफाई करते हैं।
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एर्गोनॉमिक डिजाइन:ऐसा ब्रश चुनें जो पकड़ने में आरामदायक हो और मुंह के हर कोने तक पहुंचे।
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