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बरसाती बुखार के 5 कारण, 6 लक्षण और 7 जरूरी सावधानियां

बरसाती बुखार के 5 कारण, 6 लक्षण और 7 जरूरी सावधानियां - monsoon health care
Health Care
 
बारिश का मौसम भले ही सुहाना लगता है, लेकिन बीमारियों के संक्रमण के लिए यही मौसम सबसे माकूल होता है। इस मौसम में सर्दी, जुखाम और बुखार सबसे ज्यादा फैलने वाले रोग हैं। आइए जानते हैं कैसे बचें इस बरसाती बुखार से-
 
बरसात में बीमारियों से बचने के लिए सबसे पहले इसके कारणों को जानना बेहद जरूरी है। पहले जानते हैं, इस मौसम में बीमारी फैलाने वाले कारणों को -
 
1 जगह-जगह पानी का भरना और उसमें मच्छरों का पनपना, जो डेंगू और मलेरिया फैलाने में सहायक होते हैं।
 
2 विषैले जीव जंतुओं, कीट, मच्छर व मक्ख‍ियों व्दारा भोज्य पदार्थों और पानी का संक्रमित होना।
 
3 हवा की गंदगी से संक्रमण फैलना।
 
4 पित्त का दूषित होना, क्योंकि पित्त से होने वाले रोगों में बुखार सबसे प्रधान होता है।
 
5 तेज धूप में घूमना और बारिश में ज्यादा भीगना।
 
अब जानते हैं, इनसे पैदा होने वाले बुखार के लक्षण-
 
1 सिर व बदन में दर्द होना,
2 पेशाब का रंग लाल होना,
3 बेचैनी महसूस होना,
4 प्यास अधिक लगना,
5 मुंह का स्वाद कड़वा होना, जी मचलाना
6 अमवात या संधिवात के कारण कई बार जोड़ों में दर्द भी हो सकता है।
 
बुखार होने पर रखें यह सावधानियां-
 
1 बुखार होने पर रोगी को हवादार कमरे में लेटना चाहिए और जितना हो सके आराम करना चाहिए। 
 
2 बुखार में हल्का और सुपाच्य भोजन करना चाहिए। 
 
3 शरीर से अधिक मेहनत न कराएं।
 
4 दूध, चाय, मौसंबी का रस ले सकते हैं, तेल-मसालेदार चीजों से दूरी बनाए रखें।
 
5 यह सभी लक्षण सामने आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं अथवा घरेलू, आयुर्वेदिक उपचार अवश्य करें।
 
6 पानी को पहले उबाल कर थोड़ा गुनगुना ही पिएं।
 
7 मौसम में बदलाव के समय उचित आहार-विहार का पालन करें।