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Last Updated :घोघा , गुरुवार, 26 अक्टूबर 2017 (14:50 IST)

मोदी ने गुजरात को दिया फेरी सेवा का तोहफा, बोले...

मोदी ने गुजरात को दिया फेरी सेवा का तोहफा, बोले... - Modi launches ro ro ferry service in gujarat
घोघा। समुद्री तट को देश की उन्नति और समृद्धि का प्रवेश मार्ग बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को भावनगर के घोघा और भरूच के दाहेज के बीच 650 करोड़ रुपए की रोल-ऑन रोल ऑफ (रो-रो) फेरी सेवा के पहले चरण का शुभारंभ किया।
 
उन्होंने कहा कि पिछले दशकों में केंद्र सरकारों ने समुद्री क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं दिया और जहाजरानी एवं बंदरगाह क्षेत्र भी उपेक्षित रहा। हमारी सरकार ने समुद्री क्षेत्र में सुधार एवं जल आधारभूत संरचना के विकास के लिए सागरमाला परियोजना और 106 राष्ट्रीय जल मार्गो के निर्माण का कार्य शुरू किया है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने देश के परिवहन क्षेत्र के असंतुलन को दूर करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाया है। नई पोत परिवहन नीति और नई विमानन नीति तैयार की है। छोटे छोटे हवाई अड्डों को सुधारने की पहल शुरू की है। इसके साथ ही अहमदाबाद और मुम्बई के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना का कार्य आगे बढ़ाया है।
 
पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार पर परोक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश में जलमार्गो के सस्ता होने के बावजूद पिछली सरकारों के दौरान आजादी के बाद से देश में मात्र 5 जलमार्ग थे। बंदरगाह और सरकारी कंपनियां घाटे में चल रही थी। अब हमारी सरकार के प्रयासों से स्थिति में सुधार आ रहा है।
 
मोदी ने कहा, 'ये सारे प्रयास देश को 21वीं सदी की परिवहन प्रणाली प्रदान करेंगे जो ‘न्यू इंडिया’ की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।
 
प्रधानमंत्री ने 45 मिनट से अधिक के संबोधन में अपने मुख्यमंत्रित्व काल और भाजपा सरकार के कार्यकाल में गुजरात के विकास की दिशा में उठाये गए कार्यो का बिन्दुवार ब्यौरा दिया।
 
उन्होंने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भाजपा सरकार की विकास पहल को अपने संबोधन के केंद्र में रखा और ‘रो रो फेरी सर्विस’ को दूसरे राज्यों के लिये रोल मॉडल बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश एवं उनकी केंद्र सरकार की पहल से राज्य के विकास के साथ लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
 
मोदी ने कहा, 'पिछले 15 वर्षो में गुजरात ने अपने बंदरगाहों की क्षमता में चार गुना वृद्धि की है। गुजरात का समुद्री मार्ग सामरिक महत्व का है जहां से दुनिया के किसी दूसरे क्षेत्र में जाना सस्ता और आसान है। गुजरात का नौवहन विकास पूरे देश के लिए आदर्श है। रो रो फेरी सर्विस दूसरे प्रदेशों के लिए रोल मॉडल का काम करेगा। हमने वर्षो तक दिक्कतों का अनुभव किया और फिर इसे देखते हुए कार्यक्रम तैयार किया। अब इसे अपनाने वाले राज्यों को उन दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।'
 
उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के अवसर बनेंगे ही, तटीय जहाजरानी और तटीय पर्यटन की दिशा में नए अवसर भी पैदा होंगे।

रो रो फेरी सर्विस का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं बता नहीं सकता कि बचपन से देखे गए सपने को आज पूरा होता देखकर मैं कैसा महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि ये पहली फेरी तो सिर्फ एक शुरुआत है। आने वाले समय में घोघा का भाग्य फिर बदलने वाला है।
 
भविष्य में रो रो फेरी सर्विस का विस्तार हजीरा, जाफराबाद, दमन दीव जैसी जगहों पर किया जाएगा। गुजरात में अपनी सरकार की विकास पहल को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कच्छ की खाड़ी में ऐसी ही परियोजना की चर्चा प्रारंभिक स्तर पर है।
 
पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि जब मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था तो हमारी सारी परियोजनाओं पर पर्यावरण के नाम पर ताला लगाने की धमकी दी गई। दिल्ली में हमारी सरकार बनने के बाद हमने एक एक कर कठिनाइयों को दूर किया।
 
उन्होंने कहा कि सरकार की योजना आने वाले दिनों में नौवहन विश्वविद्यालय और लोथल में नौवहन संग्रहालय बनाने की है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में समुद्र तट का 1600 किलोमीटर से ज्यादा हिस्सा उपलब्ध है। मैं शुरू से गुजरात में ‘पोर्ट लेड डेवलपमेंट’ की बात कर रहा हूं। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने शिप बिल्डिंग की योजना बनाई, शिप बिल्डिंग पार्क बनाए, शिप ब्रेकिंग के नए नियम बनाए। हमने विशेष आर्थिक क्षेत्र में छोटे बंदरगाहों को बढ़ावा देने पर बल दिया है। इससे गुजरात के बंदरगाह क्षेत्र को नई दिशा और ऊर्जा मिली है।
 
मोदी ने कहा कि नीली क्रांति में मछु्आरों को लॉन्ग लाइनर ट्रॉलर के लिए सब्सिडी दी जाएगी। इससे मछुआरों की जिंदगी और कारोबार दोनों में सुधार होगा। नए ट्रॉलर्स के जरिए मछुआरों के भटक कर दूसरे देश की सीमा में जाने की समस्या भी कम होगी।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुरानी सरकार ने ऐसी गलती की थी कि रो-रो सर्विस चल ही नहीं सकती थी। पुराने नियमों में सेवा देने वाले को ही पोर्ट बनाने की बात कही गई थी। हमने नीतियां बदलीं, हमने तय किया टर्मिनल सरकार बनाएगी, टर्मिनल में सर्विस को चलाने काम प्राइवेट एजेंसी को दिया। एजेंसी के मुनाफे में सरकार का भी हिस्सा होगा।
 
उन्होंने कहा कि पहले तो गुजरात में नाव बनाने की परंपरा थी। लोथल में चौरासी देशों झंडे फहराते थे। सोने की लंका की तुलना घोघा की भव्यता से की जाती थी। (भाषा)