गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. क्या तुम जानते हो?
  4. National Consumer Rights Day 2022
Written By

24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाए जाने के क्या कारण हैं?

24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाए जाने के क्या कारण हैं? - National Consumer Rights Day 2022
national consumer rights day
 
प्रतिवर्ष 24 दिसंबर को राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता दिवस (national consumer rights day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक करना है। उपभोक्‍ता जो वस्तुओं या सेवाओं को खरीदता है और बदले में भुगतान करता है। 
 
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस की शुरुआत 24 दिसंबर 1986 में हुई थी। इसी दिन उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम को भारत के राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई थी। इसे मनाने का मुख्य कारण उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्ताओं को निम्न बुनियादी अधिकारों की गारंटी देना है।
 
वैसे जानकारी के अभाव में विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस और राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस के बीच फर्क को लेकर लोग अक्सर भ्रमित हो जाते हैं, जबकि दोनों का उद्देश्य एक ही है, पर ये दिन अलग-अलग तिथियों पर मनाए जाते हैं। जैसे विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस प्रतिवर्ष 15 मार्च को मनाया जाता है, तो राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस हर साल 24 दिसंबर को मनाया जाता है। 
 
- जैसे उत्पाद चुनने का अधिकार। 
- सभी प्रकार के खतरनाक सामानों से सुरक्षा का अधिकार।
- सभी उत्पादों के प्रदर्शन और गुणवत्ता के बारे में सूचित होने का अधिकार।
- उपभोक्ता हितों से संबंधित सभी निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सुनवाई का अधिकार।
- जब भी उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन किया गया हो, निवारण की मांग करने का अधिकार।
- उपभोक्ता शिक्षा को पूरा करने का अधिकार।
 
अत: निम्न कारणों के निराकरण तथा उपभोक्ता के विभि‍न्न हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें अधिकार दिलाने के उद्देश्य से 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जा रहा है तथा जागरूकता अभि‍यान चलाकर लोगों को बाजार में होने वाली काला बाजारी, मिलावटी सामग्री बेचना, ग्राहक जमाखोरी, अधि‍क दाम वसूलना तथा अन्य कई मामलों में ग्राहकों के प्रति होने वाले अपराधों को देखते हुए इस दिन जागरूकता अभि‍यान चलाए जाते हैं। 
ये भी पढ़ें
पं. मदनमोहन मालवीय जयंती : जीवन परिचय और योगदान