मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. क्या तुम जानते हो?
  4. america world trade center 20 years completed
Written By
Last Updated : शनिवार, 11 सितम्बर 2021 (10:11 IST)

9/11 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले को 20 साल, लेकिन दर्द आज भी है....

9/11 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले को 20 साल, लेकिन दर्द आज भी है.... - america world trade center 20 years completed
9/11 हमले का दर्द आज भी कई लोग झेल रहे हैं। दुनिया की सबसे ताकतवर देश में शुमार अमेरिका पर 9/11 में हुए हमले ने समूची दुनिया को हिला कर रख दिया था। इस आतंकी हमले में करीब 3000 लोगों की मौत हुई। 9 /11 हमले में 19 आतंकियों ने 4 प्लेन हाईजैक किए थे। जिसमें से एक मिशन फैल हो गया था। इस भयावह हमले के पीछे अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन की साजिश थी। जिसका बदला अमेरिका ने लादेन को उसके घर में घुसकर सितंबर 2011 में मारा था। 20 साल बाद भी 9/11 हमले का प्रभाव घायल हुए लोगों में सामने आ रहा है। आइए जानते हैं इस हमले जुड़े तथ्य के बारे में -

- जब यह घटना घटी थी तब जॉर्ज बुश अमेरिका के राष्ट्रपति थे। उस दौरान बुश ने कहा था, ‘हम युद्ध के मैदान में हैं। जब हम उन गुनहगारों को पकड़ लेंगे तो वो मुझे पसंद नहीं आएंगे। इन्हें इसकी कीमत चुकाना होगी।‘

- फायर कर्मियों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आग को काबू पाने में करीब 100 दिन लगे थे।

- हादसे में सिर्फ 290 लोगों के शव को आराम और सही सलामत निकाल सकें।

- ट्विन टावर को बनाने में करीब 60 लोगों की जान गई थी।

- दोनों टॉवर में करीब 110 - 110 मंजिलें थीं। हर दिन 239 लिफट चलती थी।

- यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस हमले में करीब 90 देशों से अधिक नागरिकों की जान गई।

- ट्विन टावर के ध्वस्त होने के बाद करीब 18 लाख  टन मलबा इकट्ठा हो गया था। जिसे साफ करने में करीब 75 करोड़ डॉलर का खर्च आया था।

- 11 सितंबर 2001 में हुए हमले के दौरान मौत से ज्यादा कई लोग घायल हुए थे और बीमारी की चपेट में आ गए थे। हमले के बाद तुरंत राष्ट्रपति ने घायलों, पीड़ितों मृतकों के परिवारों को मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी। लेकिन 7 सितंबर 2021 को एक रिपोर्ट जारी की गई। जिसमें 20 साल बाद भी जांच जारी है। और दो पीड़ितों को ढूंढा गया है। हालांकि उनकी पहचान उजागर नहीं की गई है।

- 9/11 हमले के बाद कैंसर पीड़ितों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।  
 
ये भी पढ़ें
हिन्दी को आपके ढकोसले की जरूरत नहीं, यह हमारा स्‍वाभिमान और व्‍यवहार है