क्या इस चुनाव में कांग्रेस गर्त में पहुंचेगी?
- वेबदुनिया चुनाव डेस्क
भारतीय राजनीति में कांग्रेस का हमेशा दबदबा रहा है और ज्यादातर समय यही पार्टी सत्तारुढ़ रही है। पिछले दस वर्षों से भी यही सत्ता पर काबिज है, लेकिन 2014 में हो रहे चुनावों में इस पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस विरोधी लहर हवा में है और ज्यादातर लोगों का मानना है कि मनमोहन सरकार नाकाम रही है। मोदी और क्षेत्रीय पार्टियां बढ़-चढ़ कर कांग्रेस पर हमले कर रही है और यह पार्टी अपना ठीक से बचाव नहीं कर पा रही है। न ही अपनी उपलब्धियों को ठीक से पेश कर पा रही है। खुद कांग्रेसियों को अपनी जीत की उम्मीद नहीं है और वे पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं। सर्वेक्षण भी कांग्रेस की हालत पतली बता रहे हैं। लग रहा है कि भारतीय राजनीति के इतिहास में पहली बार कांग्रेसी की सीट सैकड़ा पार नहीं कर पाएगी। दहाई तक ही सीमित रह जाएगी। कांग्रेस का सबसे बुरा प्रदर्शन 1999 में रहा था जब यह पार्टी मात्र 114 सीट जीत पाई थी, इसकी सफलता का प्रतिशत मात्र 20.91 था। जहां तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का सवाल है तो 1984 में हुए आम चुनाव में इस पार्टी ने 415 सीट जीत कर ऐतिहासिक सफलता रची थी। उस वक्त इंदिरा गांधी की हत्या हो गई और इससे उपजी सहानुभूति की लहर का लाभ कांग्रेस को मिला था। इसकी सफलता का प्रतिशत 77.86 था। इतनी सफलता तो कांग्रेस को पहले चुनाव में भी नहीं मिली थी। अब तक यह पार्टी चार सौ सीटों का आंकड़ा एक बार, तीन सौ सीटों का आंकड़ा पांच बार, दो सौ सीटों का आंकड़ा तीन बार और सौ का आंकड़ा छ: बार पार कर चुकी है। 114 सीट इसका न्यूनतम स्कोर है। क्या इस बार कांग्रेस न्यूनतम स्कोर का अपना रिकॉर्ड तोड़ेगी। 16 मई का इंतजार कीजिए।लोकसभा चुनाव | कांग्रेस | कुल सीट | सफलता का प्रतिशत |
1951 | 364 | 489 | 74.43 |
1957 | 371 | 494 | 75.10 |
1962 | 361 | 494 | 73.07 |
1967 | 283 | 520 | 54.42 |
1971 | 352 | 518 | 67.95 |
1977 | 153 | 542 | 28.22 |
1980 | 351 | 542 | 64.76 |
1984 | 415 | 533 | 77.86 |
1989 | 197 | 545 | 36.14 |
1991 | 244 | 545 | 44.77 |
1996 | 140 | 545 | 25.68 |
1998 | 141 | 545 | 25.87 |
1999 | 114 | 545 | 20.91 |
2004 | 145 | 545 | 26.60 |
2009 | 206 | 543 | 37.93 |