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Written By WD

अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल
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आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के हिसार जिले में हुआ था। उन्हें आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। 2012 में हार्पर कॉलिंस पब्लिशर्स द्वारा उनकी एक पुस्तक 'स्वराज' भी प्रकाशित की गई थी।

2006 में 'आकस्मिक नेतृत्व (इमरजिंग लीडरशिप)' के लिए उन्हें रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पिता गोबिंदराम केजरीवाल शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हैं और माता का नाम गीता देवी है। पत्नी सुनीता केजरीवाल, आईआरएस अधिकारी हैं।

मसूरी में सिविल सर्विसेस की ट्रेनिंग के दिनों में उनकी बैचमेट भी थीं। दोनों ने साथ ही आईआरएस ज्वाइन किया था। दो बच्चों हैं। बेटी बड़ी है, जिसका नाम हर्षिता और छोटा बेटा पुलकित है। उन्होंने 1989 में आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल (यांत्रिक) इंजीयरिंग में स्नातक (बीटेक) की उपाधि प्राप्त की।

1989 में टाटा स्टील, जमशेदपुर में ज्वाइन किया। वहां से छुट्टी लेकर सिविल सर्विस के इंटरेंस की तैयारी में जुट गए। 1992 में केजरीवाल ने नौकरी छोड़ दी। कुछ समय कोलकाता में रामकृष्ण मिशन की नॉर्थ-ईस्ट इकाई के साथ बिताया।

पहली बार में ही सिविल सर्विसेज का इंटरेंस निकालकर 1995 में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस/सिविल सर्विसेस, भारतीय सिविल सेवा का एक हिस्सा) में आ गए, और पहली पोस्टिंग के तहत में उन्हें दिल्ली आयकर विभाग में आयकर आयुक्त (कमिश्नर) नियुक्त किया गया।

उन्होंने कुछ विदेशी कंपनियों के काले कारनामे पकड़े, जिसके चलते धमकियां मिलीं और फिर उनका तबादला भी कर दिया गया। इससे व्यथित होकर उनका सरकारी सेवा से मोहभंग हो गया। कोलकाता में रहने के दौरान केजरीवाल मदर टेरेसा से मिले और उनके साथ काम किया।

केजरीवाल आईपीएस अधिकारी बनना चाहते थे, इसीलिए जमशेदपुर टाटा स्टील की जॉब छोड़कर सिविल सर्विसेस की तैयारी के लिए दिल्ली आए थे। जनवरी 2000 में काम से विश्राम लेने के बाद दिल्ली आधारित एक नागरिक आंदोलन 'परिवर्तन' की स्थापना की, जो एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए काम करता है।

यह अभियान इनकम टैक्स, बिजली और राशन से संबंधित बातों के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए चलाया गया। अरुणा रॉय और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर, उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान शुरू किया, जो जल्दी ही एक मुख्य सामाजिक आंदोलन बन गया, दिल्ली में सूचना अधिकार अधिनियम को 2001 में पारित किया गया और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संसद ने 2005 में सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) को पारित कर दिया। इसके बाद, फरवरी 2006 में, उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया, और पूरे समय के लिए सिर्फ 'परिवर्तन' में ही काम करने लगे।

2006 में आरटीआई एक्ट के लिए रमन मैग्सेसे अवॉर्ड से नवाजे गए। शीघ्र ही उन्होंने महसूस किया कि सरकार में बहुप्रचलित भ्रष्टाचार के कारण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। अपनी आधिकारिक स्थिति पर रहते हुए ही उन्होंने, भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग शुरू कर दी।

प्रारंभ में अरविंद ने आयकर कार्यालय में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आयकर विभाग में संयुक्त आयुक्त पद पर रहते हुए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और मैग्सेसे अवार्ड से प्राप्त धन को एनजीओ 'पब्लिक कॉज़ रिसर्च फाउंडेशन' को दान कर दिया। वे एक एनजीओ 'साथी' से भी जुड़े हुए हैं।

उन्होंने जन लोकपाल बिल के लिए अन्ना हजारे के साथ मिलकर अनशन किया और धरना-प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। 2 अक्टूबर 2012 को अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक सफर की औपचारिक घोषणा की और कहा कि 26 नवम्बर 2012 को भारतीय संविधान अधिनियम की 63वीं वर्षगांठ के अवसर पर जन लोकपाल आंदोलन के अपने बहुत से सहयोगियों के साथ वे दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी के गठन की घोषणा करेंगे। इस तरह 26 नवंबर 2012 को 'आप' अस्तित्व में आई।

उन्होंने बाकायदा गांधी टोपी, जो अब 'अण्णा टोपी' भी कहलाने लगी है, पहनी। वे शायद वही नारा लिखना पसंद करते जो पूरे 'अन्ना आंदोलन' के दौरान टोपियों पर दिखाई देता रहा, 'मैं अन्ना हजारे हूं।' लेकिन अन्ना ने उन्हें इसकी इजाज़त नहीं दी इसलिए उन्होंने पार्टी की टोपी पर "मैं हूं आम आदमी' लिखवाया। इसी दिन उन्होंने अपने भावी राजनीतिक दल का दृष्टिकोण पत्र भी जारी किया।

अपना राजनीतिक दल बनाने की विधिवत घोषणा के साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी सहित उनके दामाद रॉबर्ट वढेरा और भूमि-भवन विकासकर्ता कंपनी डीएलएफ के बीच हुए भ्रष्टाचार का खुलासा किया। साथ ही बाद में केंद्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुई खुर्शीद के ट्रस्ट में हो रही धांधलियों के खिलाफ आंदोलन छेड़ा।

2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों मे अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा, जहां उनकी सीधी टक्कर लगातार 15 साल से दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित से थी। केजरीवाल ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से उन्हें 25864 मतों से हराया।

नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया है। आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी।

इस चुनाव में आम आदमी पार्टी, भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी महज़ 8 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर खिसक गई। काफी पशोपेश के बाद जनता की मांग पर कांग्रेस के समर्थन से वे दिल्ली के 7वें मुख्यमंत्री बने।
केजरीवाल के नाम सम्मान और पुरस्कार :-
2004: अशोक फैलो, सिविक एंगेजमेंट।
2005: 'सत्येन्द्र के.दुबे मेमोरियल अवार्ड', आईआईटी कानपुर, सरकार में पारदर्शिता लाने के लिए उनके अभियान हेतु।
2006: उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार।
2006: लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन, 'इंडियन ऑफ़ द ईयर'।
2009: उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, आईआईटी खड़गपुर द्वारा।
2009: भारत के विकास के लिए एक संगठन द्वारा अनुदान व फैलोशिप से सम्मानित किया गया।
2010: इस वर्ष के नीति परिवर्तन अभिकर्ता के रूप में अरुणा रॉय के साथ इकोनॉमिक टाइम्स अवार्ड से सम्मानित।
2011: एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर सम्मान, अन्ना हजारे के साथ।
2013: 2013 में राजनीति के लिए सीएनएन-आईबीएन इंडियन ऑफ द ईयर सम्मान।