शेयर बाजार की अनिश्चितताओं से बचने वाले निवेशकों के लिए पब्लिक प्रॉविडेंट फंड या लोक भविष्य निधि या पीपीएफ टैक्स प्लानिंग व रिटायरमेंट प्लानिंग का एक अद्वितीय निवेश-पत्र है, जिसके इस्तेमाल से दोनों जरूरतों को एकसाथ पूरा किया जा सकता है।
15 वर्षीय पीपीएफ योजना में निवेशकों को निवेशित राशि एवं उस पर अर्जित ब्याज पर भारत सरकार की पूर्ण गारंटी उपलब्ध है। यह ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है और वर्तमान में 8 प्रतिशत है। जिस चक्रवर्ती ब्याज को महान वैज्ञानिक एलबर्ट आइन्सटाइन ने संसार का आठवाँ आश्चर्य बताया था, उसी चक्रवर्ती ब्याज का उपयोग पीपीएफ में करते हुए रिटायरमेंट उद्देश्यों को हासिल किया जा सकता है।
सोने पर सुहागा : पीपीएफ पर ब्याज करमुक्त है व इसमें जमा राशि संपत्तिकर से भी मुक्त है। पीपीएफ में खास आकर्षण यह है कि किसी कारण से अगर निवेशक की संपत्ति जब्त करने के लिए कोई न्यायालय डिक्री पारित करता है तो वह डिक्री या आदेश पीपीएफ पर लागू नहीं होता है। हाँ, आयकर विभाग जरूर इस खाते की राशि से अपने बाकियात वसूल करने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
पीपीएफ खाते की न्यूनतम अवधि जहाँ 15 वर्ष होती है वहीं आयकर की धारा 80 सी के तहत लाभ देने वाले बाकी ऋण योजनाओं (बैंक एफडी, एनएससी) में न्यूनतम लॉक-इन अवधि 5 या 6 वर्ष की ही होती है।
पीपीएफ की संरचना को अगर ध्यान से देखा जाए तो इसमें कुछ ऐसी खास खूबियाँ हैं, जिसके कारण हम आयकर की धारा 80 सी के तहत लाभ उठाते हुए लॉक-इन अवधि को 3 वर्ष या खास परिस्थितियों में 3 वर्ष से कम भी कर सकते हैं। इस योजना में एक वर्ष में अधिकतम 70 ंजरी रुपए जमा किए सकते हैं।
पीपीएफ खाते को आप पाँच-पाँच वर्षों की समय अवधि के लिए बढ़ा सकते हैं और इसकी कोई अधिकतम अवधि नहीं होती है। पीपीएफ खाते आपकी विभिन्ना वित्तीय जरूरतों, जैसे कि बचत, आयकर की बचत, कर मुक्त, आय प्राप्त करना व चक्रवर्ती ब्याज के माध्यम से रिटायरमेंट कोर्पस् इकठ्ठा करना इत्यादि की पूर्ति अकेले करने में सक्षम हैं।
पीपीएफ खाते को आप जिंदगी भर साथ निभाने वाले साथी के रूप में देख सकते हैं। एक ऐसा साथी, जिसको समझना बेहद आसान हो व जिसके आचरण पर भारत सरकार की पूर्ण गारंटी भी उपलब्ध हो। है कोई ऐसा और निवेश-पत्र, जिसमें उपरोक्त सभी खूबियाँ मौजूद हों? (वेबदुनिया न्यूज)