विश्व कप फुटबॉल में दिखा जुनून, ढोल-नगाड़ों से हुई शुरुआत
लंदन। ढोल-नगाड़ों से माहौल गुंजायमान था और चारों तरफ ध्वज लहरा रहे थे। यह माहौल था 2018 कोनिफा विश्व कप फुटबॉल की शुरुआत का, जहां प्रशंसक अक्सर विवादित रहने वाले अपने 'राष्ट्र' को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थान मिलने के दुर्लभ मौके का गवाह बनने के लिए आए थे।
इस टूर्नामेंट में 16 संप्रभु राष्ट्र हिस्सा ले रहे हैं जिन्हें आंशिक मान्यता हासिल है और जो फुटबॉल की आधिकारिक संचालन संस्था फीफा से बाहर हैं। इस टूर्नामेंट की गुरुवार को पूरे जोरशोर के साथ शुरुआत हुई। तिब्बत और अबखाजिया के प्रशंसक उत्तरी लंदन के क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय स्टेडियम में इसका गवाह बनने के लिए उपस्थित थे।
इस स्टेडियम से भले ही राजसी नाम जुड़ा हो लेकिन डंकी लेन पर स्थित 3000 दर्शकों की क्षमता वाला 1950 के दशक में बना यह एथलेटिक स्टेडियम सातवें दर्जे के क्लब एनफील्ड टाउन का घरेलू मैदान है, लेकिन यहां पहुंचे 300 लोगों के लिए यह सबसे बड़ा खेल महोत्सव था।
ब्रिटेन में 1986 से रह रहे अबखाजिया के 43 वर्षीय चकोटुआ अताकान ने कहा, मैं फुटबॉल का प्रशंसक नहीं हूं। मैंने अपनी पूरी जिंदगी में बमुश्किल कोई मैच देखा होगा, लेकिन यह ऐसा है जहां हमें कुछ उम्मीद की किरण नजर आती है। हमें केवल यही एक मौका मिलता है। हम भी एक सामान्य देश के नागरिक हैं। बस अंतर इतना है कि हमें मान्यता हासिल नहीं है।
अबखाजिया काला सागर के करीब स्थित है और जार्जिया इसे अपने क्षेत्र में रूस अधिकृत क्षेत्र मानता है। मस्ती में झूमते हुए अबखाज का ध्वज लहरा रहे 55 साल के सरदार अगिरबे ने कहा, हमें यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। उनसे कुछ मीटर दूरी पर खड़े तिब्बत के एक प्रशंसक ने कहा, पूरी दुनिया को अबखाजिया के बारे में पता होना चाहिए। यह कहां है और हम कौन हैं।
तिब्बत के समर्थन में लगभग 150 लोग पहुंचे हुए थे। तिब्बत के रहने वाले 42 साल के फुंतसोक दालू ने कहा, यह हमारे लिए सबसे बड़ा मंच है। आमतौर पर लोग तिब्बत को देश नहीं मानते। यह वह स्थान है, जहां हम अपनी पहचान दिखा सकते हैं। यह केवल फुटबॉल नहीं, स्वतंत्र देश से जुड़ा है। मैच की बात करें तो मौजूदा चैंपियन अबखाजिया ने तिब्बत को 3-0 से हराया। (वार्ता)