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Last Updated : शनिवार, 4 सितम्बर 2021 (23:54 IST)

किसानों का 'शक्ति प्रदर्शन' : मुजफ्फरनगर में 'किसान महापंचायत', एक मंच पर 40 संगठन, 1 लाख किसान जुटाने का दावा, अलर्ट पर प्रशासन

किसानों का 'शक्ति प्रदर्शन' : मुजफ्फरनगर में 'किसान महापंचायत', एक मंच पर 40 संगठन, 1 लाख किसान जुटाने का दावा, अलर्ट पर प्रशासन - The biggest show of strength of farmers will happen in Uttar Pradesh
संयुक्त किसान मोर्चा की 5 सितंबर को एक ऐतिहासिक महापंचायत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में होने जा रही है। इस महापंचायत में किसानों के 40 से अधिक संगठन देशभर से हिस्सा लेंगे। खाप चौधरियों के मौजूदगी में किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए निर्णय होगा। आयोजकों का दावा है कि लगभग 1 लाख किसान इस महापंचायत का हिस्सा बनेंगे।

दिल्ली की सीमाओं पर बीते 9 माह से किसान तीन कृषि कानून रद्द और एमएसपी कानून बनाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। इन मांगों को लेकर सरकार और किसानों की बीच की वार्ता विफल रही। इसके बाद किसानों का विरोध प्रदर्शन दिल्ली की सीमाओं पर जारी है।

यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक है, किसान भी सरकार को अपना दमखम दिखाकर चेताना चाहता है कि वह वोट की चोट के लिए तैयार है। इसलिए किसानों के 40 से अधिक संगठन चौधरी चरण की कर्मभूमि और बाबा महेन्द्रसिंह टिकैत के धर्मयुद्ध भूमि मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान पर विशाल महापंचायत करने जा रहे है।

मुजफ्फरनगर राजकीय इंटर कॉलेज में आयोजित होने वाली महापंचायत में उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब के किसान बड़ी संख्या में आने की उम्मीद जताई जा रही है। वही अन्य राज्यों से भी किसान नेता पहुंचेंगे। इस पंचायत को राजनीति से दूर रखने का प्रयास भी किया जा रहा है, इसलिए किसानों के मंच पर किसी भी राजनैतिक दलों के नेताओं को स्थान नहीं मिलेगा।

मुजफ्फरनगर 2013 दंगे के बाद हिन्दू और मुस्लिम किसानों के बीच खाई आ गई थी। यह महापंचायत दोनों के बीच के वैमनस्य को समाप्त करके एक मंच पर लाकर सौहार्द बनाने का भी काम करेंगी। इस महापंचायत को जमीयत के नेताओं का समर्थन मिल गया है, जिसके चलते बड़ी संख्या में मुस्लिम किसानों की भीड़ आने की संभावना भी जताई जा रही है।

इस महापंचायत के लिए दो लाख वर्ग फुट का वॉटर प्रूफ पांडाल तैयार किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के लिए तीन हजार वर्ग फुट का विशाल मंच तैयार किया गया है। आयोजकों का कहना है कि पांडाल में 50 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।

महापंचायत से ठीक 1 दिन पहले झमाझम बारिश हो जाने पर किसानों की महापंचायत की तैयारी में दखल पड़ गई। इसके बावजूद किसानों का हौसला टूटा नहीं। भारतीय किसान यूनियन के 250 कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर जीआईसी के मैदान में भरे पानी को निकाल कर साफ कर सूखा दिया। इस महापंचायत में 5000 लोग किसान/हलवाई मिलकर पंचायत में शामिल होने वाले किसानों के लिए भोजन तैयार करेंगे।
किसानों की महापंचायत को लेकर शासन में भी बेचैनी है, मुजफ्फरनगर पुलिस-प्रशासन भी ऐतिहासिक महापंचायत को लेकर अलर्ट मोड पर दिखाई दे रहा है। आसपास के जिलों के तेज तर्रार अधिकारियों को मुजफ्फरनगर भेजा गया है, इसमें से अधिकांश अधिकारी वह है जो मुजफ्फरनगर की पृष्ठभूमि को जानते और समझते हैं।

मेरठ जोन के एडीजी राजील सब्बरवाल, आई मेरठ रेंज प्रवीण कुमार खुद इस महापंचायत की निगरानी कर रहे हैं।शामली-मुजफ्फरनगर बॉर्डर पर पुलिस ने हाईविजन और नाइट विजन के सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर में ऐतिहासिक महापंचायत 2021 के चुनाव से ठीक पहले 18 मंडलों के किसानों का एकजुट होना सरकार को बड़ा संदेश देना चाहता है।