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Last Updated : शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020 (15:46 IST)

कृषि कानून पर 'सुप्रीम' टिप्पणी ‌के‌ बाद आज PM मोदी की पहली बार किसानों से‌ बात पर टिकीं सबकी निगाहें

आज MP के किसानों से बात में कृषि कानूनों को रद्द करने की‌ घोषणा ‌करें PM ‌मोदी : सुनीलम

कृषि कानून पर 'सुप्रीम' टिप्पणी ‌के‌ बाद आज PM मोदी की पहली बार किसानों से‌ बात पर टिकीं सबकी निगाहें - Prime Minister Narendra Modi will talk on agriculture law with farmers of Madhya Pradesh
नए कृषि कानून के विरोध में आज किसानों के आंदोलन का 23वां दिन है। नए कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमा पर अपना आंदोलन तेज करते जा रहे हैं। इस बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के किसानों के साथ‌ नए कृषि‌ कानून पर बातचीत करने जा रहे हैं।‌‌ आज मध्य प्रदेश के किसानों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होने वाली चर्चा पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं।

किसानों के आंदोलन ‌का पूरा मुद्दा अब जब सुप्रीम कोर्ट‌ पहुंच गया है और गुरुवार को‌‌ सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के‌ दौरान अहम‌ टिप्पणी ‌करते‌ हुए केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या बातचीत होने तक कृषि कानूनों को रोका जा‌ सकता है‌ और पूरे मामले का‌ हल‌ निकालने के लिए‌ एक‌ कमेटी का ‌गठन किय‌ा‌‌ जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट की इस‌ टिप्पणी के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूरे मुद्दे पर क्या कहते हैं, इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्यप्रदेश के‌ किसानों के‌ साथ होने वाले इस संवाद को लेकर 'वेबदुनिया' ने किसान संघर्ष ‌समन्वय ‌समिति (एआईकेएससीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. सुनीलम से बातचीत की।

'वेबदुनिया' ‌से बातचीत में सुनीलम कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज मध्यप्रदेश ‌के किसानों के साथ संवाद में किसान विरोधी कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा करनी चाहिए। इसके साथ 23 कृषि उत्पाद जिसकी एमएसपी घोषित की जाती है वह समर्थन मूल्य से कम पर नहीं बिकेंगे और जो खरीदेगा उसको जेल भेजा जाएगा।

मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी‌ आज इन दो बातों की घोषणा आज अपने संवाद के दौरान करें और अगर इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो भी बातें कहते हैं वह उनकी पहले कहीं गई बातों का केवल रिपीटेशन ही होगा।

हालांकि ‌बातचीत‌ में सुनीलम‌ कहते हैं कि प्रधानमंत्री आज भी कुछ भी नया नहीं देने वाले हैं। उम्मीद है कि आज प्रधानमंत्री गुमराह करने की बजाय कुछ कंक्रीट घोषणा करें। वहीं किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई पर कहते हैं कि सरकार ने पहले ही उसको एक तरह से रिजेक्ट कर दिया है क्योंकि सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वह सरकार से पूछकर बताएंगे।

सुनीलम‌ साफ करते हैं कि किसान कानूनों को स्थगित करने की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं वह रद्द कराने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके साथ ही किसानों की लड़ाई कमेटी बनाने के लिए भी नहीं है। कमेटी बनाने का मतलब होगा कि पूरे मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए, वहीं कृषिमंत्री के पत्र पर वह कहते हैं कि इस पत्र में सबकुछ वही है, जो 6 बैठकों में कृषिमंत्री कहते आए हैं।