कृषि अध्यादेश के विरोध में पिछले 21 दिन से किसान सिंघु बॉडर, गाजीपुर बॉडर और यूपी गेट पर किसान धरना दिए हैं। शीतलहर भी किसानों के इरादों को डगमगा नही पा रही है। सरकार भी किसानों को कृषि बिल के फयादे समझाने के लिए जगह-जगह अपने नेताओं और मंत्रियों को भेज रही है। लेकिन किसानों की जिद है की 3 कृषि बिलों को वापस लिया जाएं।
किसानों के इस आंदोलन में उत्तर प्रदेश की चौधरी खाप का समर्थन पहले ही मिल गया था और खाप चौधरी किसानों के आंदोलन में आहुति देने के लिए दिल्ली यूपी बॉडर पर पहुंंच चुकी है। वही आज बागपत की सर्वखाप पंचायत में खापों का बड़ा फैसला लिया है।
सर्वखाप ने ऐलान किया है कि आगामी 19 दिसंबर से अनिश्चितकाल के लिए बागपत से निकलने वाले दिल्ली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (709 बी) बंद किया जायेगा। बड़ौत की औद्योगिक चौकी पर किसानों का तीसरा मोर्चा अनिश्चित कालीन धरना देगा।
दिल्ली के बाद अब किसान में चक्का जाम करेंगे। ये फैसला गुरुवार को बड़ौत में 84 देशखाप चौधरी सुरेंद्र के निवास स्थान पर महापंचायत करके लिया गया।
इस पंचायत में कई खापों के मुखिया, सर्वखाप (थांबा, देशखाप, चौबीसी, दांगड, दांगी, चौगामा, राणा, चौहान, धनकड़ आदि) शामिल थे। इन सभी खापों के मुखियाओं की सहमति से इस आंदोलन करने का ब्लूप्रिंट तैयार हुआ है। पश्चिमी यूपी के किसान संगठनों के नेताओं, कार्यकर्ताओं और खाप चौधरियों ने दिल्ली रवाना हुए है।
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने दिल्ली आंदोलन में शामिल होने से पहले बड़ौत में खाप चौधरियों के साथ बैठक की। किसान आंदोलन के समर्थन में अब खाप पंचायतों ने भी अपना समर्थन दिया है। वही आज की सर्वखाप पंचायत की बैठक के बाद सरकार के खिलाफ तीसरा मोर्चा बड़ौत से खोलने का एलान किया गया है।
देशखाप 84 के अध्यक्ष चौधर सुरेंद्र सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार बहुतमत की सरकार होने के कारण मनमानी कर रही है। किसानों का विनाश चाहती है ये सरकार। अब सभी खाप एकजुट होकर लड़ाई लड़ेगी। सर्वखाप दिल्ली की जगह बड़ौत में आंदोलन करेगा।
देशखाप 84 गांव से मिलकर बनी है, गांवों में सही व्यवस्था संचालन के लिए इन 84 गांव को टुकड़ों में बांटकर उन पर एक-एक चौधरी बनाया जाता है, जिसे थांबेदार कहा जाता है। देशखाप चौरासी के थांबे किशनपुर बिराल, बावली, बिजरौल, बामनौली, हिलवाड़ी, पट्टी मेहर बड़ौत और मलकपुर हैं।
किसान आंदोलन में दलबल के साथ निकले खाप चौधरी और भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार से अब 6 राउंड वार्ता हो चुकी है। लेकिन सरकार की हठधर्मिता के चलते कोई निष्कर्ष नही निकल पा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को कमेटी बनकर हल निकालने के लिए कहा है, इसलिए सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर किसानों की समस्या का हल निकालना चाहिए। सरकार को मामले की गंभीरता समझते हुए जल्दी इस कृषि कानून को वापस लेना चाहिए, अन्यथा टकराव की स्थिति पैदा हो जायेगी।