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Last Modified: मंगलवार, 22 दिसंबर 2020 (22:31 IST)

kisan andolan : सरकार के बातचीत के प्रस्ताव पर किसान संगठन कल लेंगे फैसला, राष्ट्रपति को 2 करोड़ हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन सौंपेगी कांग्रेस

kisan andolan : सरकार के बातचीत के प्रस्ताव पर किसान संगठन कल लेंगे फैसला, राष्ट्रपति को 2 करोड़ हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन सौंपेगी कांग्रेस - farmers protest government to take calls on government offers on new agriculture laws
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों ने मंगलवार को कहा कि आगे की बातचीत के लिए केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर फैसला बुधवार तक के लिए टाल दिया गया है। इस बीच किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अडिग हैं।
किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब के 32 किसान यूनियनों ने बैठक की और आगे के कदम के बारे में विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि देशभर के किसान नेताओं की एक बैठक बुधवार को होगी, जहां बातचीत के लिए सरकार के प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा।
संधू ने कहा कि वे ब्रिटेन के सांसदों को भी पत्र लिखेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि वे 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं होने के लिए अपने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर दबाव डालें। जॉनसन अगले महीने होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे।
 
केंद्रीय कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने रविवार को 40 किसान यूनियनों के नेताओं को पत्र लिखकर कहा था कि वे कानूनों में संशोधन के उसके पहले के प्रस्ताव पर अपनी चिंताओं को स्पष्ट करें और अगले दौर की बातचीत के लिए किसी सुविधाजनक तारीख का चुनाव करें ताकि चल रहा आंदोलन जल्द से जल्द समाप्त हो सके। तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग से पीछे हटने से किसान संगठनों के इंकार करने के बाद बने गतिरोध के बीच 9 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता रद्द हो गई थी।
राष्ट्रपति से मिलेंगे कांग्रेस नेता : कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद 24 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 2 करोड़ हस्ताक्षरों के साथ ज्ञापन सौंपेंगे जिसमें केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने का आग्रह किया जाएगा।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में यह आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पहले ‘कृषि विरोधी कानून’ बनाकर किसानों को दर्द दिया और अब उसके मंत्री अन्नदाताओं का अपमान कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि कृषि विरोधी कानूनों को लेकर चल रहे सतत विरोध को आगे बढ़ाने और मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था। इन कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में करीब दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं। 
 
वेणुगोपाल ने बताया कि 24 दिसंबर को राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद इन हस्ताक्षरों वाले ज्ञापन को राष्ट्रपति को सौंपंगे और तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग करेंगे।
 
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि भीषण सर्दी के बीच किसान 27 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक 44 किसानों की जान जा चुकी है। अहंकारी मोदी सरकार ने पहले किसानों को दर्द दिया और अब उसके मंत्री किसानों का अपमान भी कर रहे हैं। (भाषा)
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