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Written By WD

जलवायु परिवर्तन से भड़क सकता है एशिया में युद्ध...

जलवायु परिवर्तन
चीन, बांग्लादेश और पाकिस्तान से युद्ध का कारण बन सकता है जलवायु परिवर्तन 
 
जलवायु परिवर्तन का अप्रत्यक्ष प्रभाव देश के राजनैतिक क्षेत्र पर भी पड़ेगा। खाद्यान्न उत्पादन में गिरावट के कारण गरीबी तथा भूखमरी में अभूतपूर्व वृद्धि होगी जिससे गृह युद्ध जैसे हालात होंगे। ऐसे में राजनैतिक दलों के लिए राजनीति अथवा शासन को सुचारु रुप से चलाना दुष्कर कार्य होगा। गरीबी, भूखमरी, अकाल तथा बेरोजगारी के चलते आम जनता में आक्रोश के कारण देश में राजनैतिक अव्यवस्था तथा अस्थिरता का बोलबाला होगा।

जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप पड़ोसी देशों से घुसपैठ के कारण देश की आंतरिक सुरक्षा प्रभावित होगी तथा सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ेगा। भारत का उसके पड़ोसी देशों पाकिस्तान तथा चीन से तनाव बढ़ेगा जिससे युद्ध की संभावना होगी। 
 
आंतरिक सुरक्षा तथा सामरिक क्षेत्र पर जलवायु परविर्तन का प्रभाव: जलवायु परिवर्तन का अप्रत्यक्ष प्रभाव देश की आंतरिक सुरक्षा तथा सामरिक क्षेत्र पर भी पड़ेगा। जलवायु परिवर्तन पर गठित अंतर्राष्ट्रीय अंतःसरकारी दल (IPCC) के अनुसार वर्ष 2050 तक बांग्लादेश की 17 प्रतिशत भूमि और 30 प्रतिशत खाद्यान्न उत्पादन समुद्र की भेट चढ़ जाएंगें। 
 
खाद्यान्न उत्पादन घटने तथा समुद्र जलस्तर बढ़ने के कारण पड़ोसी देश बांग्लादेश से घुसपैठ की समस्या में कई गुना वृद्धि होगी जिससे देश के पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल आदि में बांग्लादेशी घुसपैठियों का प्रभुत्व होगा। घुसपैठ की समस्या के कारण देश की आंतरिक सुरक्षा प्रभावित होगी। घुसपैठियों के प्रभुत्व के कारण पूर्वी भारत का हिस्सा कटकर अलग देश में परिवर्तित हो सकता है।
 
पड़ोसी देश पाकिस्तान भी स्थितियों का फायदा उठाते हुए बांग्लादेश के माध्यम से आतंकवादियों की घुसपैठ कराकर देश के समक्ष गंभीर आंतरिक सुरक्षा का खतरा पैदा कर सकता है। इसके अतिरिक्त जलवायु परिवर्तन के फलस्वरुप कश्मीर घाटी के द्रास में बर्फ पिघलने से पाकिस्तान से बड़े पैमाने पर घुसपैठ होगी जिससे देश के कश्मीर राज्य के साथ-साथ अन्य राज्यों में आतंकवादी गतिविधियों में अभूतपूर्व इजाफा होगा। उक्त स्थितियों में भारत तथा पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ेगा जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति होगी।
 
जलवायु परिवर्तन के फलस्वरुप सियाचिन हिमनदी के पिघलने के कारण पड़ोसी देश चीन से भी सैनिकों की घुसपैठ होगी जिसके कारण भारत के भूभाग पर चीनी कब्जे का और विस्तार होगा परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ेगा जो अंततः युद्ध का कारण साबित हो सकता है।