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निमाड़ की आध्यात्मिक पहचान 'संत सियाराम बाबा'
Saint Siyaram Baba : मध्यप्रदेश के खरगोन जिले की कसरावद तहसील में एक छोटा-सा गांव है तैली भट्यांण। वैसे तो यह गांव नर्मदा के तट पर प्राकृतिक सौंदर्य से आह्लादित है किन्तु इस गांव की प्रसिद्धि देश-विदेश में होने का महत्वपूर्ण और एकमात्र कारण हैं संत सियाराम बाबा।
कैसे बना देवास में मां तुलजा भवानी और चामुंडा माता का मंदिर?
dewas tekri: देशभर में कई जगहों पर माता तुलजा भवानी और चामुंडा के मंदिर हैं परंतु मध्यप्रदेश के देवास में टेकरी यानी छोटी पहाड़ी पर स्थिति माता का मंदिर बहुत ही प्राचीन और सिद्ध है। कहते हैं कि जहां पर भी माता सती के अंग गिरे वहां शक्तिपीठ और जहां पर भी रक्त गिरा वहां पर रक्त पीठ निर्मित हो गए। देवास में माता का रक्त गिरा था। इसीलिए इस जगह का खास महत्व है। देवास शहर का नाम दो देवियों के वास के नाम पर देवास पड़ा। इसका पहले नाम देववासिनी था। बाद में यह देवास हो गया।
साल 2025 के शुरुआत में सूर्य और शनि की युति, 3 राशियों को होगा जबरदस्त फायदा
नए साल में चार बड़े ग्रहों का भी परिवर्तन हो रहा है ये चार ग्रह हैं शनि, गुरु, राहु और केतु। इसके अलावा वर्ष 2025 की शुरुआत में ही कुंभ राशि में सूर्य और शनि दोनों ग्रहों की युति देखने को मिलेगी। सूर्य और शनि में आपसी मित्रता नहीं है। ज्योतिष में सूर्य और शनि दोनों एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं। सूर्य उजाला तो शनि अंधकार है। इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा लेकिन 3 राशियों पर इसका सकारात्मक असर होगा। सूर्यदेव को ऊर्जा, आत्मा, पिता और मान-सम्मान का कारक माना जाता है वहीं शनिदेव को न्याय और कर्म का कारक माना जाता है। इन राशियों के जातकों को अचानक धन लाभ होगा।
यदि देश में युद्ध या अशांति का माहौल बनता है तो आप कहां सुरक्षित रह सकते हैं?
Third World War:करोना जैसी महामारी के दौर से निकलने के बाद अब दुनिया में तृतीय विश्व युद्ध का डर सताने लगा है। सोशल मीडिया के माध्यम से जिस तरह ज्योतिष, भविष्यवक्ता और तमाम तरह के अन्य लोग वर्ष 2025 और 2026 को सबसे खतरनाक वर्ष बता रहे हैं उससे लोगों के मन में भय बैठने लगा है। कोई नास्त्रेदमस, बाबा वेंगा या अच्युतानंद की भविष्यवाणी का हवाला देकर लोगों के मन में खौप डाल रहा है तो कोई शनि, राहु और केतु के गोचर को बताकर डरा रहा है। इसी के चलते अब लोग यह सर्च करने लगे हैं कि युद्ध की स्थिति में देश और दुनिया में कौनसी सुरक्षित जगह रहेगी।
वर्ष 2025 में राहु का होगा कुंभ में गोचर, 4 राशियों को कर देगा मालामाल
पूरे एक वर्ष के बाद राहु ग्रह 30 अक्टूबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 13 मिनट पर मेष राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर किया था जो अभी भी इसी राशि में हैं। राहु का स्पष्ट गोचर 29 नवंबर को 12:46 एएम पर हुआ था। 18 मई 2025 को राहु भी मीन से निकलकर कुंभ में प्रवेश करेगा। यहां पर वह 5 दिसंबर 2026 तक रहेगा। आओ जानते हैं कि राहु के इस गोचर से कौनसी 4 राशियों पर इसका शुभ प्रभाव पड़ेगा।
धर्म संसार
12 दिसंबर 2024 : आपका जन्मदिन
12 December Happy Birthday: जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है वेबदुनिया की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका उस दिनांक को जन्मदिन होगा। पेश है दिनांक 12 को जन्मे व्यक्तियों के बारे में जानकारी।
भारत के पश्चिम बंगाल में हैं 51 में से 12 शक्तिपीठ
भारत का बंगाल शाक्त धर्म का प्रमुख स्थान रहा है। बंगाल का विभाजन होने के बाद पश्चिम बंगाल में 12 और बांग्लादेश में करीब 5 शक्तिपीठ हैं। इस तरह यदि हम संपूर्ण बंगाल की बात करें तो 51 में से 17 शक्तिपीठ से अधिक हो सकते हैं जबकि अकेले पश्चिम बंगाल में 12 प्रमुख शक्तिपीठ हैं। हालांकि इनमें से कई शक्तिपीठ नहीं भी हो सकते हैं क्योंकि जहां जहां माता के अंग गिरे वहां शक्तिपीठ बने, जहां रक्त गिरा वहां रक्तपीठ बने और जहां वस्त्र और आभूषण गिरे उन्हें उप शक्ति पीठ माना गया है। आओ जानते हैं पश्चिम बंगाल के 12 शक्तिपीठों की संक्षिप्त जानकारी।
12 दिसंबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त
Today Panchang Muhurat: आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। 'वेबदुनिया' प्रस्तुत कर रही है खास आपके लिए आज के दिन के विशिष्ट मुहूर्त। अगर आप आज वाहन खरीदने का विचार कर रहे हैं या आज कोई नया व्यापार आरंभ करने जा रहे हैं तो आज के शुभ...
दत्तात्रेय जयंती कब है, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?
Dattatreya Jayanti In Hindi : हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती बेहद महत्वपूर्ण तथा शुभ दिनों में से एक तिथि मानी गई है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भगवान दत्तात्रेय का अवतरण मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर प्रदोष काल में हुआ था। वर्ष 2024 में दत्तात्रेय जयंती दिन शनिवार, 14 दिसंबर को मनाई जा रही है।
श्री गुरु चरित्रांतर्गत श्री गुरु गीता | Guru Gita Sanskrit Hindi paath
Shri Guru Gita: भगवान शंकर और देवी पार्वती के संवाद में प्रकट हुई यह गुरु गीता स्कंद पुराण का हिस्सा है। इस गुरुगीता का पाठ शत्रु का मुख बंद करने वाला है, गुणों की वृद्धि करने वाला है, दुष्कृत्यों का नाश करने वाला और सत्कर्म में सिद्धी देने वाला है। गुरुगीता अकाल मृत्यु को रोकती है, सब संकटों का नाश करती है, यक्ष, राक्षस, भूत, चोर आदि का विनाश करती है। पवित्र ज्ञानवान पुरुष इस गुरुगीता का जप-पाठ करते हैं। उनके दर्शन और स्पर्श से पुनर्जन्म नहीं होता। इस गुरुगीता के श्लोक भवरोग निवारण के लिए अमोघ औषधि हैं। साधकों के लिए यह परम अमृत है। स्वर्ग का अमृत पीने से पुण्य क्षीण होते हैं। यह गीता का अमृत पीने से पाप नष्ट होकर परम शांति मिलती है, स्वस्वरूप का भान होता है।