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Written By WD Feature Desk
Last Modified: गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025 (12:59 IST)

पुण्यतिथि विशेष : कैसे मिला था सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को भारतीय संसद में सम्मान? जानिए उनके जीवन के 15 अनसुने किस्से, जो आपको नहीं पता होंगे

भारत रत्न लता मंगेशकर सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि भारतीय संगीत जगत का वो चमतकार है, जो आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।

 Lata Mangeshkar
Lata Mangeshkar Death Anniversary : स्वर कोकिला लता मंगेशकर, भारतीय संगीत जगत का वो चमकता हुआ सितारा है, जिसकी सुरीली आवाज ने दशकों तक लोगों के दिलों में अपनी अमिट छाप छोड़ी। 6 फरवरी 2022 को उनका निधन हुआ, लेकिन उनकी विरासत आज भी जिंदा है। उनके जाने के बाद भी उनकी आवाज लोगों के दिलों में बसती है। उनकी पुण्यतिथि पर, सिर्फ भारत नहीं, बल्कि पूरी दुनिया उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रही हैं। उनके गाए हुए "ऐ मेरे वतन के लोगों", "लग जा गले", "अजीब दास्तां है ये", जैसे अनगिनत गीत आज भी लोगों को जहां भावुक कर देते हैं, वहीं "ओ पालनहारे", "बड़ा नटखट है" जैसे भजन लोगों की आस्था से जुड़े हुए हैं। 
 
लता मंगेशकर: संगीत का दूसरा नाम
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनका बचपन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित गायिकाओं में शामिल कर दिया। उन्होंने हिंदी, मराठी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, गुजराती, मलयालम और कन्नड़ जैसी 36 से अधिक भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गाने गाए। सात दशकों तक भारतीय संगीत पर राज करने वाली लता जी को "स्वर कोकिला" का दर्जा प्राप्त हुआ।
 
लता मंगेशकर से जुड़े 15 कम ज्ञात तथ्य
पहला गाना : लता मंगेशकर ने मात्र 13 साल की उम्र में 1942 में मराठी फिल्म ‘किटी हसाल’ के लिए पहला गाना गाया था, लेकिन यह गाना फिल्म से हटा दिया गया था।
 
असली नाम : बहुत कम लोग जानते हैं कि लता मंगेशकर का असली नाम हेमा मंगेशकर था, लेकिन उनके पिता ने बाद में उनका नाम बदलकर ‘लता’ रखा।
 
संगीत की शिक्षा : उनके पिता, दीनानाथ मंगेशकर, एक प्रसिद्ध संगीतकार थे, जिनसे लता ने अपनी संगीत की पहली शिक्षा ली। लता जी ने उस्ताद अमान अली खान और पंडित तुलसीदास शर्मा से संगीत की शिक्षा ली थी।
 
सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किए गए गाने : लता मंगेशकर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सबसे अधिक गीत गाने वाली गायिका के रूप में दर्ज हुआ था।
 
भारतीय संसद में भी सम्मान : गायकी के अलावा लता जी ने राज्यसभा के सांसद के तौर पर भी देश की सेवा की थी। उन्हें प्रतिष्ठित रॉयल अल्बर्ट हॉल, लंदन में परफॉर्म करने वाली पहली भारतीय होने का सम्मान प्राप्त है। 2012 में, राज्यसभा में उनके योगदान को सम्मानपूर्वक याद किया गया। 
 
फिल्मों में भी किया था काम : गायक बनने से पहले लता मंगेशकर ने कुछ फिल्मों में अभिनय भी किया था, लेकिन उन्हें अभिनय से ज्यादा रुचि गायन में थी।
 
लता जी और दिलीप कुमार : अभिनेता दिलीप कुमार ने उन्हें उर्दू उच्चारण सुधारने की सलाह दी थी, जिसके बाद उन्होंने उर्दू की पढ़ाई शुरू की।
 
भारत रत्न से सम्मानित : उन्हें 2001 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न" से नवाजा गया था।
 
ए. आर. रहमान के साथ भी किया काम : 90 के दशक में लता जी ने ए. आर. रहमान के संगीत निर्देशन में "जिया जले" और "लुका छुपी" जैसे यादगार गाने गाए।
 
मधुबाला की आवाज : मधुबाला के कई प्रसिद्ध गीतों में लता जी ने अपनी आवाज दी, जिससे वह पर्दे पर और भी आकर्षक लगती थीं।
 
गुलजार के साथ खास रिश्ता : लता मंगेशकर और गुलजार के रिश्ते बहुत मधुर थे। गुलजार साहब उन्हें "दीदी" कहकर बुलाते थे।
 
क्रिकेट की शौकीन : लता जी को क्रिकेट बेहद पसंद था, और वह 1983 के वर्ल्ड कप जीतने के बाद टीम इंडिया को सम्मानित करने के लिए एक कॉन्सर्ट भी कर चुकी थीं।
 
गाने के लिए रखी थी शर्त : उन्होंने अपनी गायकी के करियर में कभी भी डबल मीनिंग या अश्लील गीत नहीं गाए।
 
अंतिम गीत : लता मंगेशकर का अंतिम गीत "सौगंध मुझे इस मिट्टी की" 2019 में रिलीज हुआ, जो भारतीय सेना को समर्पित था। इस गीत को उन्होंने अपने आखिरी गीत के तौर पर गाया था, जिसे 30 मार्च 2019 को रिलीज किया गया था।  


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