प्राचीन एलियंस के शोधकर्ताओं के अनुसार एलियंस ने अपने जीन से एक ऐसी 'मानव जाति' बनाई जिसके शरीर पर ज्यादा बाल नहीं थे और जो दिखने में सुंदर था। उन्होंने इंसानों से जानवरपन निकाल दिया। क्या धरती का महामानव बिगफुट यह सब देख रहा था?
अमेरिका, रूस, चीन, ऑस्ट्रेलिया और भारत में बिगफुट को देखे जाने के दावे किए गए हैं। भारत में इसे 'येति' या 'यति' कहते हैं, जो एक हिममानव है। आखिर उसे हिममानव क्यों कहा जाने लगा? क्योंकि हिमालय छुपने के लिए सबसे सुरक्षित जगह है। यति भारत के इतिहास और पौराणिक कथाओं का हिस्सा है। यति का उल्लेख ऋग्वेद और सामवेद में मिलता है।
ऐतिहासिक तथ्य : हांगकांग में 1935 में पहली बार बिगफुट की खोपड़ी पाई गई। खोपड़ी से अनुमान लगाया कि यह नरवानर (आधा इंसान और आधा वानर) करीब 10 फिट लंबा और 545 किलो वजन का था। 1951 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का प्रयास करते समय एरिक शिप्टन ने सागर तल से लगभग 6,000 मी. (20,000 फुट) ऊपर बर्फ में अनगिनत बड़े-बड़े पैरों के निशानों की तस्वीरें लीं। ये तस्वीरें दुनियाभर में गहन जांच और बहस का विषय बन गईं।
1953 में सर एडमंड हिलेरी और तेनज़िंग नोर्गे ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के समय बड़े-बड़े पदचिह्नों को देखने का दावा किया। अपनी पहली आत्मकथा में तेनज़िंग ने कहा कि उनका मानना था कि यति एक विशाल वानर था। हालांकि इसे उन्होंने खुद कभी नहीं देखा था, उनके पिताजी ने दो बार इसे देखा था।
क्या यति ही है धरती के असली इंसान और आज के इंसान हैं 'एलियंस' की संतानें?