सुनो, छोटी-सी गुड़िया की लंबी कहानी....
मार्मिक चित्कार, बेहोश सरकार
गुड़िया। यह लफ्ज सुनते ही आंखों के समक्ष थिरक उठती हैं नन्ही-नन्ही कोमल परियां, गुलाबी हाथों से खिलौनों को थामें, कौतुक भरी कच्ची आंखों से चारों तरफ देखती और नाजुक पतले होंठों पर मीठी मुस्कान को सजाए दुनिया को खूबसूरत बनाती गुड़िया। कितनी वीरान होती यह दुनिया अगर संसार में नन्ही बेटियां नहीं होती..? लेकिन आज देश की एक गुड़िया जीवन के भयावह कठिन दौर से गुजर रही है। अगले पेज पर : कहां,क्या हुआ....
स्थान देश की राजधानी के पूर्वी दिल्ली गांधीनगर का इलाका।