सचिन तेंडुलकर ने आखिर टेस्ट क्रिकेट में वह मुकाम पा ही लिया जिसका पूरी दूनिया में उनके दीवानों को इंतजार था। यह कहना भी कोई गलत नहीं होगा की सचिन खुद इस मुकाम पर आने को बेताब थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रहीं बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट के पहले दिन मोहाली में सचिन ने टेस्ट क्रिकेट में ब्रायन लारा का रिकॉर्ड तोड़ ही दिया।
यह वह पल था, जिसे देखने वाला हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी और मैदान पर मौजूद खिलाड़ी अपने आप को धन्य मान रहे होंगे। सचिन ने जैसे ही चायकाल के बाद पहली गेंद पर तीन रन लिए, वैसे ही उनका नाम टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की फेहरिस्त में सबसे ऊपर आ गया।
श्रीलंका दौरे पर सचिन के चोटिल होने के बाद उनके दीवानों को इस पल के लिए जितना इंतजार करना पड़ा वह उनके लिए काफी लंबा रहा। हर लम्हा सालों की तरह था, लेकिन जैसे ही सचिन ने लारा के रिकॉर्ड को तोड़ा देश के हर कोने में जश्न का माहौल हो गया। दीवाली के कुछ ही दिन पहले सचिन ने क्रिकेट प ्रेमियों को अपनी तरफ से दीवाली का तोहफा दिया।
बेंगलुरु टेस्ट में जब सचिन 49 रन पर खेल रहे थे, तब वे इस रिकॉर्ड से मात्र 15 रन दुर थे और हर क्रिकेट प्रेमी यह उम्मीद लगाए बैठा था कि आज सचिन वह कारनामा कर दिखाएँगे, जिसका उन्हे इंतजार है, लेकिन कैमरून व्हाइट की गेंद पर अचानक सचिन एक गलत शॉट खेल बैठे और आउट हो गए। जैसे ही सचिन का विकेट गिरा, पूरे भारत के क्रिकेट प्रमियों को उदासी ने घेर लिया।
लेकिन मोहाली टेस्ट के पहले दिन वह लम्हा आ ही गया, जिसका सभी इतजार कर रहे थे। चायकाल के बाद जैसे ही सचिन मैदान पर आए, उन्होंने पिटर सिडल की गेंद को थर्डमैन की तरफ खेलकर 3 रन निकाले और इसके साथ ही सचिन ने एक नया इतिहास रच दिया और वे विश्व के पहले और एकमात्र ऐसे बल्लेबाज बन गए, जिसने टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाए हैं।
टेस्ट क्रिकेट में सचिन ने सर्वाधिक रनों की मंजिल किस तरह तय की और अपने प्रति हजार रन किस देश के खिलाफ, किस मैदान पर पूरे किए, उसका ब्यौरा-