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Last Modified: सोमवार, 6 अप्रैल 2020 (17:30 IST)

Corona से जीतने की कहानी, जानिए इंदौर के राजेश की जुबानी...

Corona से जीतने की कहानी, जानिए इंदौर के राजेश की जुबानी... - Story of Corona fighter Rajesh aasawara
वैश्विक महामारी कोरोना (Corona) से पूरी दुनिया भयाक्रांत हैं। दुनियाभर में लगभग 70 हजार लोग मौत के आगोश में समा गए हैं। लेकिन, आशा किरण तब नजर आती है, जब कोई इस महामारी से लड़कर सुरक्षित लौटता है और लोगों को भी संदेश देता है कि घबराइए मत, जब मैं जीत सकता हूं तो आप भी इस कोरोना वायरस को आसानी से हरा सकते हैं। ऐसी ही कहानी है इंदौर के राजेश आसावरा की। आइए जानते हैं उन्हीं की जुबानी...
 
मुझे 26 मार्च 2020 को गले में खराश की समस्या महसूस हुई। मैंने एमआरटीबी अस्पताल में परामर्श लिया, जहां होम क्वारंटाइन रहने के निर्देश दिए गए। 29 मार्च को एमआरटीबी अस्पताल से मेरे पास कॉल आया, मुझसे अस्पताल आने के लिए कहा गया। जब अस्पताल पहुंचा तो मुझे बताया कि कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। तत्काल मुझे आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। 
 
इसी के साथ मेरी लड़ाई भी कोरोना के साथ शुरू हो गई। इलाज के दौरान जब भी मैं हताश और निराशा महसूस करता था तो डॉक्टर, नर्स और समस्त मेडिकल स्टाफ मेरा उत्साह बढ़ाता था और प्रेरित करता था कि कोरोना को हराना है और इस लड़ाई में जीतना है। मैंने भी हार नहीं मानी और इस जंग में पूरी मजबूती के साथ डटा रहा, जीत तो होनी ही थी।
 
शनिवार यानी 4 अप्रैल को मेरी पहली टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई थी। चूंकि मेडिकल प्रोटोकॉल के अनुसार 2 बार नेगेटिव रिपोर्ट प्राप्त होना आवश्यक है, इसलिए रविवार को पुनः जांच हुई और रिपोर्ट नेगेटिव आने के पश्चात मुझे सोमवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। आज मैं स्वस्थ एवं सकुशल हूं। मैं चाहता हूं कि इंदौर के लोग सही समय पर जांच कराएं और रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो भी घबराए नहीं। संयम बरतें, सही समय पर उपचार लें, कोरोना आपका कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगा। 
 
दोस्तो, यह राजेश की कहानी है। ऐसे कितने ही राजेश देश के अलग-अलग स्थानों पर कोरोना से लड़कर उसे शिकस्त दे चुके हैं। आप भी यदि पॉजिटिव हैं तो सबसे पहले निराशा को बाहर निकाल फेंके, हमें उम्मीद आप ऐसा कर पाएंगे। कोरोना को हराने की सबसे पहली स्टेज ही यही है। बाकी तो डॉक्टर देख ही लेंगे। 
 
इन्हें नहीं भुला सकते राजेश : राजेश ने इस लड़ाई में सहयोग देने के लिए एमजीएम कॉलेज की डीन डॉ. ज्योति बिंदल, सुपरिटेंडेंट डॉक्टर पीएस ठाकुर, डॉक्टर दीपक बंसल, डॉक्टर भार्गव आदि का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने बताया की इलाज के दौरान सभी डॉक्टर्स ने उनका बहुत सहयोग किया। उन्होंने सभी को बहुत बधाई दी कि वे कोरोना से जूझ रहे मरीजों की इतनी अच्छी तरह से देखभाल कर रहे हैं। वे इस सेवा कार्य में स्वयं की भी चिंता नहीं कर रहे।
 
सभी के लिए निशुल्क इलाज : संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने स्वस्थ हुए राजेश को शुभकामनाएं दी हैं और कहा है कि यह एक नज़ीर की तरह हैं हम सबके लिए। हम कोरोना से घबराएं नहीं। अपनी बीमारी के बारे में डॉक्टर को अवगत कराएं। राज्य शासन उनके  निशुल्क इलाज के लिए सारे इंतज़ाम कर रहा है। सभी के सामूहिक प्रयासों से कोरोना के ख़िलाफ़ इस लड़ाई में हम सब सफल होंगे
 
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