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Last Updated : मंगलवार, 8 जून 2021 (22:49 IST)

सरकारी पैनल का दावा, निष्क्रिय पोलियो टीके के लिए SII की कीमत बहुत अधिक

सरकारी पैनल का दावा, निष्क्रिय पोलियो टीके के लिए SII की कीमत बहुत अधिक - sii price too high for inactivated polio vaccine
नई दिल्ली। सबसे कम बोली लगाने वाले के रूप में सामने आए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत खरीदे जाने वाले निष्क्रिय पोलियो टीके (आईपीवी) की हर खुराक के लिए जो कीमत बताई गई है, वह पिछली खरीदारी दर की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। इसके मद्देनजर एक सरकारी खरीद समिति ने कंपनी के साथ कीमत को लेकर बातचीत करने का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध करने का फैसला किया है।

 
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि पुणे स्थित एसआईआई ने 180 लाख खुराकों की आपूर्ति के लिए टीके की प्रति खुराक 188 रुपए कीमत बताई है जिसमें कर शामिल नहीं है, जो कीमत में 106.65 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। उन्होंने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 2021-22 के लिए आईपीवी की 180 लाख खुराक खरीदने के लिए 28 मई, 31 मई और 1 जून को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) की अध्यक्षता में एकीकृत खरीद समिति (आईपीसी) की बैठक हुई थी।
 
आईपीसी ने पाया कि एसआईआई द्वारा उद्धृत सबसे कम कीमत पिछले बार की कीमत से बहुत अधिक है। पिछली बार टीके 91 रुपए प्रति खुराक की कीमत पर खरीदे गए थे जिसमें कर शामिल नहीं था। आईपीसी ने कंपनी के साथ बातचीत करने की सलाह दी। आईपीसी की बैठक 31 मई को फिर से बुलाई गई और समिति ने एसआईआई के प्रतिनिधि से मूल्य वृद्धि का औचित्य पूछा।

 
इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि कंपनी के प्रतिनिधि ने सूचित किया कि उन्होंने आईपीवी निविदा में पहली बार भाग लिया है और उन्होंने पहले ही प्रति खुराक 188 रुपए और कर की सबसे कम संभावित कीमत उद्धृत की है और यह यूनिसेफ की कीमत से कम है।
 
आईपीसी ने कंपनी से उद्धृत कीमत की फिर से समीक्षा करने को कहा कि जिसके बाद एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से 31 मई को कहा कि वे उद्धृत कीमत को कम नहीं कर पाएंगे और उन्होंने मंत्रालय से जल्द से जल्द ऑर्डर देने का अनुरोध किया, ताकि वे इन्हें मुहैया कराने संबंधी योजना बना सके। आईपीसी की अगली बैठक 1 जून को हुई।

 
सूत्र ने कहा कि आईपीसी ने पाया कि कंपनी उद्धृत कीमत कम करने पर राजी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि आईपीसी ने सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए पाया कि 106.65 प्रतिशत की बढ़ोतरी बहुत अधिक है और उसने इस टीके की जरूरत को समझते हुए स्वास्थ्य मंत्री से यह अनुरोध करने का फैसला किया कि वह उच्च स्तर पर कंपनी के साथ बातचीत करें। (भाषा)
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