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Last Modified: सोमवार, 16 मार्च 2020 (08:29 IST)

पाकिस्तान ने फिर की ओछी हरकत, कोरोना वायरस पर कॉन्फ्रेंस में उठाया कश्मीर का मुद्दा

पाकिस्तान ने फिर की ओछी हरकत, कोरोना वायरस पर कॉन्फ्रेंस में उठाया कश्मीर का मुद्दा - saarc countries meeting on coronavirus pakistan tried politics by raising jammu kashmir issue
नई दिल्ली। पाकिस्तान किसी भी मंच पर कश्मीर मुद्दे को उठाने की ओछी हरकतें करता रहता है। कोरोना वायरस के खतरे पर सार्क देशों के वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान ने कश्मीर के बारे में ‘अवांछित' बयान देकर एक मानवीय मुद्दे का ‘राजनीतिकरण' करने का प्रयास किया, जो इस तरह के मुद्दों से निपटने में उसके ढुलमुल रवैए को बताता है।
 
भारतीय सरकारी सूत्रों के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य इस वायरस से एकजुट होकर निपटने का संदेश देना था, लेकिन पाकिस्तान ने इस मौके का इस्तेमाल कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए किया और कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर में सभी तरह की पाबंदी हटा लेनी चाहिए। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने ‘अशिष्ट' बनने का चयन किया और वीडियो कॉन्फ्रेंस का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया।
 
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने स्वास्थ्य विषयों (पाकिस्तान के) पर प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार एवं संबद्ध विभाग के मंत्री जफर मिर्जा को भेजा, जो बोलने के दौरान सहज नहीं थे। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा मामले को उठाना मानवीय मुद्दे से निपटने में उसके ‘ढुलमुल रवैए को दिखाता है।
 
एक सरकारी सूत्र ने कहा कि मुद्दे को उठाना अवांछित था और संदर्भ से परे था। पाकिस्तान ने एक मानवीय मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया। सूत्रों ने कहा कि भारत वीडियो कॉन्फ्रेंस से पाकिस्तान को अलग रख सकता था, लेकिन यह एक मानवीय मुद्दा था, इसलिए इस पड़ोसी देश को आमंत्रित किया गया।
सूत्र ने कहा कि प्रत्येक नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान का जवाब दिया, लेकिन पाकिस्तान ने अपने स्वास्थ्य मंत्री को भेजने का चयन किया, जो उसमें गंभीरता की कमी को दर्शाता है।
 
सूत्रों ने कहा कि यहां तक कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ऐसे दिन इसमें शामिल हुए जब उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी लेकिन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने इससे दूर रहने का फैसला किया। सूत्रों ने कहा कि जब पाकिस्तान ने (कश्मीर का) मुद्दा उठाया, तब किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
 
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस वीडियो कान्फ्रेंस में कश्मीर का मुद्दा उठाने को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि इस देश को विश्व समुदाय द्वारा अलग-थलग किए जाने की जरूरत है।
 
सिंघवी ने एक ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तान इससे नीचे नहीं गिर सकता। एक मानवीय संकट के समय वह एक जूनियर मंत्री को दक्षेस के राष्ट्रप्रमुखों की बैठक में भेजता है। उसके बाद कश्मीर का मुद्दा उठाता है। उस पर तरस आता है।
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी ट्वीट किया कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए दक्षेस की आयोजित बैठक में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाना उसके शासन के ‘खराब और दयनीय' मानक के साथ-साथ मानव जाति के लिए खतरे वाले वैश्विक संकट की इस घड़ी में भी उसके ‘अदूरदर्शी, गलत, दुर्भावनापूर्ण’ प्राथमिकताओं को दिखाता है, जो चौंकाने वाला और शर्मनाक है। उन्होंने दक्षेस देशों के वीडियो सम्मेलन के संबंध में मोदी सरकार की पहल की प्रशंसा भी की। (भाषा)
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