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Last Updated : शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022 (23:45 IST)

कोरोना संक्रमण बढ़ने पर बच्चों की कैसे हो पढ़ाई, अभिभावकों ने दिए सुझाव

कोरोना संक्रमण बढ़ने पर बच्चों की कैसे हो पढ़ाई, अभिभावकों ने दिए सुझाव - Parents gave these suggestions regarding online classes as coronavirus infection increases
नई दिल्ली। एक नवीनतम सर्वेक्षण के मुताबिक कम से कम 63 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा कि अगर जिले में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 से संक्रमण की दर 5 प्रतिशत से अधिक हो जाए तो स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करनी चाहिए, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो।

सर्वेक्षण के मुताबिक, अध्ययन में शामिल 27 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा कि कोविड जांच संक्रमण दर (टीपीआर) जिले में दो प्रतिशत से अधिक होने पर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की जानी चाहिए जबकि 63 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा कि जिले में टीपीआर पांच प्रतिशत से अधिक होने पर स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं भी उपलब्ध करानी चाहिए ताकि पढ़ाई बाधित नहीं हो और विद्यार्थियों पर इसका प्रभाव नहीं पड़े।

यह सर्वेक्षण ऑनलाइन मंच लोकल सर्कल ने कराया है और इसमें भारत के 314 जिलों के 23,500 लोगों ने अपनी राय दी है। सर्वेक्षण में शामिल होने वाले प्रतिभागियों में 62 प्रतिशत पुरुष जबकि 38 प्रतिशत महिलाएं हैं। सर्वेक्षण में शामिल लोगों में 44 प्रतिशत अभिभावक महानगरों या टियर-1 जिलों के थे जबकि 34 प्रतिशत अभिभावक टियर-2 जिलों के और 22 प्रतिशत अभिभावक टियर-3,4 व ग्रामीण जिलों के थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वेक्षण में शामिल केवल 34 प्रतिशत अभिभावक ही स्कूलों को पूरी तरह से पारंपरिक तरीके से चलाने के समर्थन में थे। वहीं, 34 प्रतिशत ने सुझाव दिया कि कक्षा की अवधि कम की जाए और स्कूल में लंच और नाश्ते की अनुमति नहीं हो। 29 प्रतिशत अभिभावक बिलकुल स्पष्ट थे कि अगर जिले में टीपीआर पांच प्रतिशत से अधिक हो तो स्कूलों की ऑफलाइन कक्षाएं बंद कर देनी चाहिए।

सर्वेक्षण में कहा गया, हालांकि पूरे देश में कई स्कूल हैं जहां पर ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे मामलों में कम अवधि की ऑफलाइन कक्षाएं संक्रमण दर बढ़ने की स्थिति में बेहतर विकल्प हो सकती हैं।

उल्लेखनीय है कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से करीब एक साल से बंद स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र से ऑफलाइन कक्षाएं बहाल की गई हैं। विशेषज्ञों ने कोविड-19 की वजह से लंबे समय से बंद स्कूलों पर दीर्घकालिक असर पड़ने को लेकर चेतावनी दी है।(भाषा) 
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