मध्यप्रदेश में कोरोना के मरीजों के इलाज और डिस्चार्ज की नई गाइडलाइन
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों को लेकर सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है। नई गाइडलाइन के मुताबिक मध्यम लक्षण वाले संक्रमित रोगियों को डेडीकेटेड कोविड-19 हेल्थ सेंटर में ही भर्ती कराया जाएगा। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज और डिस्चार्ज को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई है।
नई गाइडलाइन के मुताबिक कोविड-19 के हल्के लक्षण वाले रोगी होम आइसोलेशन में रहेंगे, जिनकी नियमित रूप से निगरानी की जायेगी। इसके साथ ही ऐसे मरीज जो इलाज के लिए कोविड केयर सेंटर या अस्पताल में भर्ती होते है ऐसे मरीजों को अगर पिछले तीन दिन से बुखार नहीं आ रहा है तो पॉजिटिव पाए जाने के सातवें दिन उसको डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। डिस्चार्ज से पूर्व कोविड टेस्ट की जरूरत नहीं होगी।
इसके साथ ही कोविड के ऐसे मरीज जिनके लक्षणों में सुधार हो रहा है। ऑक्सीजन सेचुरेशन 93 प्रतिशत 3 दिन तक लगातार पाया जाता है और ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता नहीं पड़ती है। ऐसे रोगियों को जांच करने वाला मेडिकल ऑफिसर द्वारा डिस्चार्ज किया जा सकता है। डिस्चार्ज के पहले कोविड-19 की जाँच की आवश्यकता नहीं होगी।
ऐसे मरीज जिनको ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ा है, ऐसे मरीजों को अगर बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के 3 दिन तक लगातार ऑक्सीजन सेचुरेशन मेंटेन रहने और कोमार्बिलिटी में जटिलता नहीं होने पर डिस्चार्ज किया जायेगा।
कोविड-19 के गंभीर रोगी, जिनमें एचआईवी पेशेंट, ट्रांसप्लांट थैरेपी और कैंसर रोगी, जो इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड सम्मिलित हैं,को डिस्चार्ज का क्राइटेरिया रोगी के क्लीनिकल सुधार और उपचार करने वाले चिकित्सक पर निर्भर करेगा।
डिस्चार्ज के बाद सभी कोविड-19 रोगी अपने स्वास्थ्य की निगरानी अगले 7 दिन तक करेंगे और मास्क पहनेंगे। डिस्चार्ज के बाद यदि रोगी को बुखार, खाँसी या श्वांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं और यह लक्षण लगातार बने रहते हैं।