शुक्रवार, 8 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. More than 15 lakh people were deprived of TB treatment due to Corona
Written By
Last Modified: सोमवार, 14 नवंबर 2022 (16:16 IST)

Corona के कारण 15 लाख से ज्‍यादा लोग टीबी के इलाज से रहे वंचित, अध्ययन में हुआ खुलासा

Corona के कारण 15 लाख से ज्‍यादा लोग टीबी के इलाज से रहे वंचित, अध्ययन में हुआ खुलासा - More than 15 lakh people were deprived of TB treatment due to Corona
नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी से उपजी बाधाओं के कारण 2020 में भारत समेत 45 देशों में एक अनुमान के मुताबिक 15 लाख से ज्यादा लोग या तो तपेदिक का उपचार नहीं करा पाए या उपचार में विलंब हुआ। नतीजे बताते हैं कि कई देशों में जिन लोगों को पहले से ही टीबी निदान और देखभाल प्राप्त करने में सबसे अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ा है।एक अध्ययन में यह बात सामने आई।

पत्रिका ‘बीएमसी मेडिसिन’ में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि विश्लेषण किए गए आधे से अधिक देशों में बच्चे असमान रूप से प्रभावित हो सकते हैं, जबकि 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग दो तिहाई से अधिक देशों में प्रभावित हुए, लगभग आधे देशों में संभोग (सेक्स) जोखिम का कारक है।

ब्रिटेन के लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (एलएसएचटीएम) के शोधकर्ताओं सहित अध्ययन करने वाले ने कहा कि तपेदिक (टीबी) पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव को कम करने के प्रयासों में दुनियाभर में उच्च बोझ वाले देशों में कमजोर आबादी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

एलएसएचटीएम से अध्ययन के संयुक्त मुख्य लेखक फिन मैकक्यूएड ने कहा, हमारे नतीजे बताते हैं कि कई देशों में जिन लोगों को पहले से ही टीबी निदान और देखभाल प्राप्त करने में सबसे अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ा है, उन्हें महामारी के परिणामस्वरूप बिगड़ते हालत का सामना करना पड़ा है।

मैकक्यूएड ने कहा, जब हम टीबी वाले लोगों पर कोविड-19 के प्रभाव को कम करना चाहते हैं, यह महत्वपूर्ण है कि हम सबसे अधिक जरूरतमंदों पर ध्यान केंद्रित करें, न केवल इन असमानताओं को दूर करने के कर्तव्य के लिए, बल्कि टीबी को समाप्त करने की आशा रखने के लिए।

उन्होंने कहा कि 2020 में कोविड-19 व्यवधानों के परिणामस्वरूप कम से कम 195,449 (लगभग दो लाख) 15 वर्ष से कम आयु के बच्चे, 11,26,133 (11.2 लाख से अधिक) 15 से 64 वर्ष की आयु के लोग और 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के 235,402 (2.3 लाख) वृद्ध व्यक्ति तपेदिक का उपचार कराने में चूक गए या उपचार कराने में उन्हें देरी का सामना करना पड़ा। इसमें 5,11,546 (5.1 लाख) महिलाएं और 8,63,916 (8.6 लाख) पुरुष शामिल हैं।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour 
ये भी पढ़ें
अंडमान निकोबार में आंधी और भारी बारिश की चेतावनी, नौसेना की सभी इकाइयां हाईअलर्ट पर