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Written By भाषा
Last Modified: बुधवार, 25 मार्च 2020 (20:45 IST)

वैज्ञानिकों की चेतावनी, भारत में मई तक सामने आ सकते हैं Corona Virus के 13 लाख मामले

वैज्ञानिकों की चेतावनी, भारत में मई तक सामने आ सकते हैं Corona Virus के 13 लाख मामले - India may see up to 13 lakh cases of coronavirus by mid-May, scientists warn
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने चेतावनी दी है कि भारत में मई महीने के मध्य तक कोरोना वायरस (Corona Virus) से संक्रमित पुष्ट मामलों की संख्या 1 लाख से लेकर 13 लाख तक हो सकती है।
 
शोधार्थियों की एक टीम द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट ‘सीओवी-आईएनडी-19’ में कहा गया है कि महामारी के शुरुआती चरण में अमेरिका और इटली के मुकाबले भारत पॉजीटिव मामलों को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफल रहा है। लेकिन, इस आकलन में एक जरूरी चीज छूट गई है और वह है इस वायरस से सचमुच में प्रभावित मामलों की संख्या।
 
वैज्ञानिकों की इस टीम में अमेरिका के जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय की देबश्री रॉय भी शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह बात जांच के दायरे, जांच के नतीजों की सटीकता और उन लोगों की जांच पर निर्भर करती है जिनमें इस वायरस से संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं।
 
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अभी तक, भारत में जांच किए गए लोगों की संख्या तुलनात्मक रूप से बहुत कम है।
 
व्यापक जांच नहीं होने की स्थिति में सामुदायिक स्तर पर संक्रमण को रोक पाना असंभव है। इसका यह मतलब है कि हम यह आकलन नहीं कर सकते कि अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों के बाहर कितनी संख्या में संक्रमित व्यक्ति हैं।
 
उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह जरूरी है कि वह देश में कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से फैलने से पहले ‘बेहद कड़े उपायों’ को अपनाए।
 
गौरतलब है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात भारत में 21 दिनों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की थी। वैज्ञानिकों ने अपने विश्लेषण में 16 मार्च तक भारत में दर्ज मामलों से जुड़े आंकड़ों का इस्तेमाल किया।
उन्होंने किसी एक समय पर संक्रमित संख्या का अनुमान लगाया और भारत के लिए लगाए गए उन अनुमानों की तुलना अमेरिका एवं इटली से की। वैज्ञानिकों में दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, नई दिल्ली और मिशिगन विश्वविद्यालय, अमेरिका के वैज्ञानिक भी शामिल हैं।
 
भारत की स्वास्थ्‍य सुविधाओं पर सवाल : उन्होंने विश्व बैंक के डेटा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में प्रति 1000 व्यक्ति बेड की संख्या सिर्फ 0.7 है, जबकि फ्रांस में यह 6.5, दक्षिण कोरिया में 11.5, चीन में 4.2, इटली में 3.4 और अमेरिका में 2.8 है।

वैज्ञानिकों ने कहा कि मामलों की संख्या ज्यादा होने पर भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वालों के लिये इससे निपट पाना असंभव हो जाएगा।
 
रिपोर्ट में भारत की आबादी में शामिल जोखिमग्रस्त समूहों की भी पहचान की गई है। देश में 2014 में बगैर बीमा वाले लोग करोड़ों की संख्या में थे। उन्होंने आगाह किया कि गंभीर रूप से संक्रमित लोगों को (संक्रमितों में से करीब पांच-10 प्रतिशत को) आईसीयू बेड की जरूरत होगी। (भाषा) (Photo courtesy: Twitter)
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