दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री बोले, अगले 2-3 सप्ताह में मृतक संख्या घटने की उम्मीद
नई दिल्ली। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने शहर में कोविड-19 से मृत्यु दर में बढ़ोतरी के लिए पराली जलाने से हुए प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अगले 2-3 सप्ताह में मृतकों की संख्या में कमी आने की उम्मीद है। शहर में एक सचल प्रयोगशाला की व्यवस्था की गई है, जो राष्ट्रीय राजधानी में निजी केंद्रों में कोरोनावायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए 2,400 रुपए में हो रही आरटी-पीसीआर जांच 499 रुपए में करेगी।
दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम को निर्देश दिए हैं कि यदि आईसीयू और सामान्य कक्षों में कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तरों पर ऐसे मरीज हैं, जो कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं हैं तो उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद इन बिस्तरों को खाली रखा जाए।
सरकार ने 90 निजी अस्पतालों को अपने कुल बिस्तरों में से 60 प्रतिशत और 42 निजी अस्पतालों को आईसीयू में 80 प्रतिशत बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित रखने का निर्देश दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में सचल आरटी-पीसीआर जांच प्रयोगशाला का उद्घाटन किया जिसके जरिए सिर्फ 499 रुपए में कोविड-19 की जांच कराई जा सकेगी और 6 घंटे में परिणाम प्राप्त किए जा सकेंगे।
सचल आरटी-पीसीआर जांच प्रयोगशाला की शुरुआत सरकार और 'स्पाइस हेल्थ' के संयुक्त प्रयास से की गई है। ज्ञात हो कि दिल्ली में कोविड-19 के मामलों की अचानक हुई वृद्धि के बाद केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा था। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में औसतन हर घंटे कोविड-19 की वजह से कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि देशभर में इस अवधि में हर घंटे औसतन 21 लोगों की मौत हुई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के आधार पर यह विश्लेषण किया गया जिसमें पिछले 24 घंटे में कोविड-19 की वजह से देश और सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में मौत की कुल संख्या दी गई है। इस बीच जैन ने कहा कि पराली जलाने के कारण होने वाला प्रदूषण दिल्ली में बड़ी समस्या है। इससे श्वसन संबंधी दिक्कतें बढ़ जाती हैं और यह कोविड-19 से संक्रमित लोगों की बीमारी को और गंभीर बना देता है।
जैन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने के कारण होने वाले प्रदूषण के घटने के कारण अगले 2-3 सप्ताह में शहर में कोविड-19 की मृत्यु दर कम होने की उम्मीद है। कोविड-19 महामारी के बीच पराली जलाने के कारण प्रदूषण काफी बढ़ गया और यह दोहरे हमले की तरह था। चूंकि पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण कुछ घटा है इसलिए अगले कुछ सप्ताह में मृत्यु दर भी कम होगी।
दिल्ली में सोमवार को कोरोनावायरस संक्रमण के 4,454 नए मामले सामने आए और लोगों के संक्रमित पाए जाने की दर 11.94 प्रतिशत रही तथा 121 और मरीजों की मौत के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 8,512 हो गई। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने ताजा बुलेटिन में बताया कि रविवार को कुल 37,307 नमूनों की जांच की गई जिनमें से 18,046 नमूनों की आरटी-पीसीआर जांच की गई।
दिल्ली में अब तक 1 दिन में संक्रमण के सर्वाधिक मामले 11 नवंबर को सामने आए थे, जब 8,593 संक्रमितों का पता चला था। उस दिन 85 लोगों की संक्रमण से मृत्यु हो गई थी। सोमवार को संक्रमण से 121 लोगों की मौत हुई। रविवार को भी संक्रमण के कारण इतने ही लोग मारे गए थे। पिछले 12 दिन में 6ठी बार 1 दिन में मौत के मामलों की संख्या 100 से अधिक है। सोमवार को इलाज करा रहे संक्रमितों की संख्या 37,329 रही जबकि रविवार को यह संख्या 40,212 थी।
बुलेटिन के मुताबिक दिल्ली में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 5,34,317 पहुंच गई है जिनमें से 4,88,476 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। दिल्ली में निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या में मामूली गिरावट आई है। यह सोमवार को 4,692 हो गई जबकि रविवार को यह संख्या 4,697 थी। बुलेटिन के अनुसार कोविड-19 अस्पतालों में कुल बिस्तरों की संख्या 17,553 है जिनमें से 8,089 खाली हैं। (भाषा)