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Last Updated : शुक्रवार, 29 मई 2020 (14:52 IST)

'sero survey' से मप्र के 4 जिलों में बनेगी Covid 19 की कुंडली, 'herd immunity' से उठेगा पर्दा

Corona virus | 'sero survey' से मप्र के 4 जिलों में बनेगी Covid 19 की कुंडली, 'herd immunity' से उठेगा पर्दा
इंदौर। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 से जुड़े एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के तहत मध्यप्रदेश में इंदौर समेत 4 जिलों में कुल 1,700 आम लोगों के नमूने लिए हैं जिनमें इस महामारी के सामान्य लक्षण नहीं थे।
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस सर्वेक्षण के परिणामों से चारों जिलों की आबादी में इस महामारी के फैलाव की सटीक जानकारी मिल सकेगी। इसके साथ ही इस अहम सवाल का भी जवाब मिल सकेगा कि समुदाय पर इस वायरस के हमले के बाद लोगों में 'हर्ड इम्युनिटी' यानी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है या नहीं?
 
आईसीएमआर द्वारा देश के अलग-अलग हिस्सों में किए जा रहे इस सर्वेक्षण को 'सेरो-सर्वे' नाम दिया गया है। इस सर्वेक्षण में सार्स-सीओवी-2 (वह वायरस जिससे कोविड-19 फैलता है) के प्रसार पर नजर रखने के लिए लोगों के रक्त के सीरम की जांच की जा रही है।
मध्यप्रदेश में इस सर्वेक्षण के तहत आईसीएमआर के जबलपुर स्थित राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (एनआईआरटीएच) के जरिए इंदौर समेत 4 जिलों में आम लोगों के रक्त के नमूने जमा किए गए हैं। इंदौर, देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल है, जहां अब तक इस महामारी के 3,344 मरीज मिल चुके हैं जिनमें से 126 लोगों की मौत हो चुकी है।
एनआईआरटीएच के निदेशक अपरूप दास ने शुक्रवार को बताया कि आईसीएमआर के देशव्यापी सेरो-सर्वे के तहत इंदौर में कोविड-19 निषेध क्षेत्रों (कंटेनमेंट जोन) में ऐसे 500 लोगों के रक्त के नमूने आकस्मिक तौर पर लिए गए हैं जिनमें बुखार तथा सर्दी-जुकाम सरीखे इस महामारी के आम लक्षण नहीं थे और वे स्वस्थ नजर आ रहे थे।
 
उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण के तहत रक्त के सीरम की जांच के बाद खासतौर पर यह पता चल सकेगा कि अगर संबंधित व्यक्ति सार्स-सीओवी-2 के हमले का शिकार हुए हैं तो उनके रोग प्रतिरोधक तंत्र ने किस तरह की प्रतिक्रिया दी है और उनके रक्त में इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हुई हैं या नहीं? जाहिर है कि इससे हर्ड इम्युनिटी के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी।
 
दास ने बताया कि इन दिनों प्रदेशभर में कोविड-19 के ऐसे मामले बड़ी तादाद में सामने आ रहे हैं जिनमें मरीजों में इस महामारी के आम लक्षण दिखाई नहीं देते जबकि कई अन्य संक्रमितों में इसके सामान्य लक्षण नजर आते हैं। लिहाजा वैज्ञानिक समुदाय पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि क्या यह स्थिति लोगों की व्यक्तिगत प्रतिरोधक क्षमता में अंतर के कारण है?
उन्होंने बताया कि आईसीएमआर के देशव्यापी सेरो-सर्वे के तहत राज्य में इंदौर के 500 लोगों के नमूनों के साथ ही देवास, उज्जैन और ग्वालियर जिलों में 400-400 लोगों के रक्त के नमूने लिए गए हैं। इन सभी नमूनों को जांच के लिए आईसीएमआर के चेन्नई स्थित एक संस्थान को भेज दिया गया है।
 
दास ने बताया कि हमने सेरो-सर्वे के तहत प्रदेश में कोविड-19 के उच्च प्रसार, मध्यम प्रसार और कम प्रसार वाले जिलों को चुना है। सर्वेक्षण के परिणामों के तुलनात्मक अध्ययन से पता चल सकेगा कि इंदौर में सार्स-सीओवी-2 तेजी से क्यों फैला जबकि दूसरे जिलों में इस वायरस का प्रसार अपेक्षाकृत कम क्यों रहा? उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट को देश के सभी राज्यों के साथ भी साझा किया जाएगा ताकि उन्हें कोविड-19 के खिलाफ रणनीति बनाने में मदद मिल सके। (भाषा)
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