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Written By निष्ठा पांडे
Last Updated : शनिवार, 15 मई 2021 (21:48 IST)

Ground Report : उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर से कोहराम, संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा

Ground Report : उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर से कोहराम, संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा - coronavirus in uttarakhand death rate of covid-19 infected patients in uttarakhand is higher than national average
देहरादून। शनिवार को बीते 24 घंटे के अंदर उत्तराखंड में कोरोना के 5654 नए मामले सामने आए है। 197 लोगों की मौत हुई है। शनिवार को 4806 लोग स्वस्थ भी हुए हैं। 5654 नए मरीजों के साथ प्रदेश में 80000 एक्टिव केस हो गए हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 68.32% है।
प्रदेश में कोरोना से मृत्यु दर 1.63% तक पहुंच गई है, जो राष्ट्रीय स्तर से ज्यादा है। प्रदेश में अभी तक कोरोना से 4623 लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में अभी तक कुल 283239 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। प्रदेश में सेंपल पॉजिटिविटी दर 6.70% है। उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था। कोरोना की दूसरी लहर ने अब कोहराम मचा रखा है।
 
स्थिति की गंभीरता देख अब शनिवार से मुख्यमंत्री पहाड़ के अस्पतालों कि व्यवस्था परखने के लिए जिलों में पहुंचे हैं। शनिवार को उन्होंने चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी जिले के श्रीनगर के अस्पतालों कि व्यवस्था देखी। मुख्यमंत्री ने बेस अस्पताल श्रीकोट, श्रीनगर बेस में फायर फाइटिंग कक्ष, ऑक्सीजन प्लांट, निर्माणाधीन आईसीयू कक्ष, कोविड कंट्रोल रूम आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्माणाधीन 30 बेड आईसीयू कक्षों का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करने को कहा।
   
देहरादून लौटकर मुख्यमंत्री तीरथसिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिसिन किट की उपलब्धता, हर स्तर पर सुनिश्चित की जाए। कोविड संक्रमितों को हर जरूरी इलाज मिलना चाहिए।

इसमें किसी तरह की कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह उच्चाधिकारियों और जिलाधिकारियों की जिम्मेवारी है कि कोविड संक्रमितों के बचाव में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले हमारे फ्रंटलाईन योद्धाओं को पूरा लॉजिस्टिक सपोर्ट मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में हर जिला अस्पताल में सिटी स्केन मशीन और उसे संचालित करने के लिए प्रशिक्षित मैनपावर हो। टेस्टिंग को बढ़ाने की जरूरत है। कोविड के टीकाकरण के लिए वैक्सीन की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता हो। देखा जाए कि सभी वैक्सीनेशन केंद्रों पर कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन हो।
मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि कोविड से संबंधित डाटा की रीयल टाइम इंट्री हो। इसमें किसी तरह की लापरवाही न हो। अगर कहीं पर आईसीयू फंक्शनल न हो तो उसे फंक्शनल किया जाए और इसके लिए जरूरी होने पर और प्रशिक्षित मैनपावर की नियुक्ति कर ली जाए।

आक्सीजन का सही तरीके से उपयोग हो। इसका नियमित ऑडिट हो। अगले एक माह, दो माह और तीन माह बाद कितनी और ऑक्सीजन सिलेंडरों की आवश्यकता हो सकती है, इसका आंकलन करते हुए अभी से तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं। आक्सीजन जनरेशन प्लांट्स में स्किल्ड लोग तैनात हों।

ब्लैक फंगस के लिए जरूरी दवाइयों की उपलब्धता देख ली जाए। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर से प्रदेश के पर्वतीय और ग्रामीण क्षेत्रों की हालात बेहद खराब है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मैदानी जिलों में तो कोरोना का कहर बरप रहा है।

साथ ही 9 पर्वतीय जिले, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत भी बुरी तरह कोरोना महामारी की चपेट में आ चुके हैं। इन जिलों में हर दिन सैकड़ों संख्या में लोग कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। बीते रोज की ही बात करें तो इन 9 जिलों में कल 2674 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। सरकार की लापरवाही के कारण इन 9 जिलों में कोरोना से 590 लोगों की जान चली गई है।

ये हाल तब है जब इन जिलों में बहुत कम लोगों की कोरोना जांच हो रही है। यदि बीते दिन की बात करें इन 9 जिलों में केवल 10095 सैंपल की ही जांच हो पाई। इससे पता चलता है कि सरकार पहाड़ों में कोरोना महामारी के खतरे को कितने हल्के में ले रही है। प्रदेश के गांव-गांव तक कोरोना महामारी के पहुंचने के लिए सिर्फ और सिर्फ तीरथ सरकार जिम्मेदार है। अगर तीरथ सरकार ने समय पर सही फैसले लिए होते तो आज उत्तराखंड के गांवों में कोरोना का प्रकोप इस कदर हावी नहीं होता।
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