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Last Updated : गुरुवार, 10 सितम्बर 2020 (17:05 IST)

दुनिया में कहां बन रहे कोरोना वैक्‍सीन, फि‍ल्‍हाल क्‍यों लगा दी गई रोक?

दुनिया में कहां बन रहे कोरोना वैक्‍सीन, फि‍ल्‍हाल क्‍यों लगा दी गई रोक? - Corona virus vaccine
दुनिया के कई देशों की एजेंसि‍यां कर रही हैं वैक्‍सीन पर काम, हालांकि अभी अस्‍थाई रोक लगा दी गई है।

कोई भी कंपनी ट्रायल्स खत्म होने से पहले नहीं मांगेगी प्री-मैच्योर अप्रूवल।

दुनियाभर में अलग-अलग कंपनियों द्वारा कोरोना वायरस के वैक्‍सीन पर काम किया जा रहा है। हालांकि दुनिया में वैक्‍सीन बनाने में एक नंबर पर चल रही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन कोवीशील्ड के फेज-3 ट्रायल्स पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी गई है। एक वॉलंटियर के बीमार होने बाद ऐसा किया गया है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि यह वैक्सीन की वजह से हुआ है या यह कुछ और है।

कंपनी ने हाल ही में कहा है कि सुरक्षा के लिहाज से प्रोसेस रोक दी गई है। एस्ट्राजेनेका ने संभावित साइड इफेक्ट के बारे में कुछ नहीं बताया है। एस्ट्राजेनेका के एक अधि‍कारी ने इस बात की पुष्टि की है कि यह वॉलंटियर यूके में है। इस खबर के बाद से ही एस्ट्राजेनेका ने अमेरिका, भारत समेत पूरी दुनिया में फेज-3 ट्रायल्स रोक दिए हैं।
अगस्‍त से एस्ट्राजेनेका ने अमेरिका में 30 हजार लोगों पर टेस्ट शुरू किए हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के इस वैक्सीन के ट्रायल्स ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका के साथ ही भारत में भी शुरू हुए हैं। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इसके ट्रायल्स कर रहा है।

भारत का पहला स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन को-वैक्सीन अगले साल की शुरुआत में लॉन्च हो सकता है। इसे भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर विकसित किया है। को-वैक्सिन ने फेज-1 ट्रायल्स शुरू कर लिए हैं। केंद्र सरकार ने 7 सितंबर से फेज-2 ट्रायल्स की मंजूरी दी है।

एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन प्रोफेसर और कोविड-19 वैक्सीन के प्रमुख जांचकर्ता संजय राय ने मीडि‍या को बताया कि फेज-1 ट्रायल्स सफलता से पूरे हुए हैं। फेज-2 ट्रायल्स अक्टूबर में पूरे होंगे। इसके बाद फेज-3 ट्रायल्स शुरू होंगे। इसका मतलब यह है कि 2021 की शुरुआत तक कोवैक्सीन उपलब्ध हो सकेगा।

रूस ने अपने कोविड-19 वैक्सीन Sputnik V के फेज-3 ट्रायल्स और इसके उत्पादन के लिए भारत से संपर्क साधा है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल का कहना है कि इसे लेकर दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण प्रयास हुए हैं। डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि रूस ने वैक्सीन के उत्पादन के लिए देश की कई कंपनियों से संपर्क साधा था। चार कंपनियां इसके लिए आगे भी आई हैं।

उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले कोविड-19 वैक्सीन लाने की बात को नकार दिया गया है। कहा गया है कि जिन लोगों को वैक्सीन लगाया जाएगा, उनकी सुरक्षा प्राथमिकता रहेगी। फि‍लहाल वैक्‍सीन को लेकर यह तो साफ हो गया है कि कोई भी कंपनी ट्रायल्स खत्म होने से पहले प्रीमैच्योर अप्रूवल नहीं मांगेगी।
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