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Last Updated : सोमवार, 11 मई 2020 (11:36 IST)

कोरोना वायरस : देश में 14 जिलों में भयावह स्थिति, 64% मामले यहीं से, 112 पिछड़े जिलों में कोरोना के मात्र 2% मामले

कोरोना वायरस : देश में 14 जिलों में भयावह स्थिति, 64% मामले यहीं से, 112 पिछड़े जिलों में कोरोना के मात्र 2% मामले - corona virus niti ayog
नई दिल्ली। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कमजोर स्वास्थ्य ढांचे के बीच कोविड-19 के प्रसार की आशंकाओं को खारिज करते हुए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत का कहना है कि पिछड़े 112 आकांक्षी जिलों में केवल 2 प्रतिशत मामले सामने आए हैं और डरने की कोई बात नहीं है। अमिताभ कांत ने यह भी कहा कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सभी तैयारियां पूरी हैं। उल्लेखनीय है कि देश में कुल 733 जिले हैं।

उन्होंने कहा कि डरने की कोई बात नहीं है। देश के 112 पिछड़े आकांक्षी जिलों में कोविड-19 के केवल 2 प्रतिशत मामले आए हैं। देश में अलग-अलग क्षेत्रों में 1.5 लाख आरोग्य केंद्र स्थापित किए गए हैं। अस्पतालों में बिस्तर बढ़ाए गए हैं, विशेष रूप से कोविड अस्पताल भी स्थापित किए गए हैं। ऐसे में पूरी तैयारी की गई है।

अमिताभ कांत ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के 50 प्रतिशत मामले पांच जिलों से आए हैं और ऐसे में भारत की जीत इन स्थानों में सफलता पर निर्भर करेगी जहां हमें पूरी तत्परता के साथ निगरानी, परीक्षण, सम्पर्क का पता लगाने, पृथकवास एवं उपचार पर खास ध्यान देना चाहिए।
 
अमिताभ कांत ने कहा कि दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद सहित 15 जिले 'संक्रमण' के मामलों के अधिक दबाव वाले क्षेत्र हैं। कोविड-19 से लड़ने में भारत की सफलता की दृष्टि से ये इलाके महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश में कोविड-19 के कुल मामलों में से 64 प्रतिशत मामले इन 15 जिले से सामने आए हैं।
 
उन्होंने कहा कि इन 15 जिलों में से 5 जिलों में कोरोना वायरस के 50 प्रतिशत मामले सामने आए हैं जिनमें दिल्ली, मुम्बई, अहमदाबाद, पुणे और चेन्नई (इन्हें एक जिला इकाई मान कर अध्ययन किया गया) शामिल है। यह संक्रमण की संख्या की दृष्टि से विशेष रूप में अधिक दबाव वाले क्षेत्र हैं।
 
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में भारत के कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत इससे अच्छे से निपटने में अब तक सफल रहा है। संक्रमण की जांच तेजी से बढ़ी है और अब यह क्षमता प्रतिदिन करीब एक लाख हो गई है। कांत ने कहा कि बीमारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार ने समय रहते लॉकडाउन लागू करने, उसे बढ़ाने सहित कई सख्त कदम उठाए जिसका निश्चित रूप से फायदा हुआ है ।
 
उन्होंने कहा कि अब हमें ‘हाइपर लोकलाइजेशन’ की रणनीति को अपनाना चाहिए और पूरा ध्यान ‘कंटेनमेंट जोन’ पर ही देना चाहिए, साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी आगे बढ़ाना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या लॉकडाउन खोलना अभी उचित होगा, नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि अभी टीका तैयार होने और सार्वजिनक रूप से उपलब्ध होने में कुछ समय लगेगा, लेकिन तब तक हम अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बंद नहीं कर सकते।
 
उन्होंने कहा कि हमें आपूर्ति श्रृंखला को खोलना होगा और अनुशासन के साथ आगे बढ़ना होगा। हमें रोजगार के अवसरों को बनाए रखना होगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को भी पटरी पर लाना जरूरी है। ऐसे में पूरी सावधानी बरतते हुए हमें आगे बढ़ना ही होगा। अमिताभ कांत ने कहा कि इस वैश्विक आपदा के कारण हमारे सामने अवसर भी आए हैं। चीन से कई कंपनियां आना चाहती हैं। ऐसे में हमें इस दिशा में पहल करनी है। (भाषा)
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