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Written By Author डॉ. रमेश रावत
Last Updated : गुरुवार, 4 जून 2020 (16:57 IST)

Business पर Corona effect : कौनसे सेक्टर रहेंगे बढ़त में, कौन होगा मंदी का शिकार...

Business पर Corona effect : कौनसे सेक्टर रहेंगे बढ़त में, कौन होगा मंदी का शिकार... - Corona effect on business
कोविड-19 (Covid-19) या कोरोना (Corona) के कहर दुनिया के हर व्यक्ति को किसी न किसी रूप में प्रभावित किया है। चाहे फिर वह समाजिक स्तर पर हो या फिर आर्थिक या मानसिक स्तर पर। भारत भी लॉकडाउन (Lockdown) से अनलॉक (Unlock-1) की ओर बढ़ गया है, लेकिन अर्थव्यवस्था पर इसका साफ असर दिख रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि चीजें धीरे-धीरे सुधार की ओर बढ़ेंगी, लेकिन चुनौतियां बड़ी होंगी। वेबदुनिया से चर्चा के दौरान उद्योगपति एवं कंस्ट्रक्शन केमिकल मैन्युफेक्चरिंग ऐसोसिएशन के अध्यक्ष, अर्थशास्त्री एवं मार्केटिंग गुरु डॉ. बजरंग लाल माहेश्वरी ने बताया कि व्यापार-व्यवसाय में कौनसे सेक्टर बढ़त में रहेंगे और किन सेक्टरों को चुनौती का सामना करना पड़ेगा। 
 
डॉ. माहेश्वरी ने बताया कि अर्थव्यवस्था अभी एक साल तक स्थिर जैसी रहेगी। हालांकि 2021-22 में कुछ सुधार होगा, जबकि 2022 से 2023 में तेजी रहने की संभावना है। यह तेजी ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, बिल्डिंग मटेरियल जैसे क्षेत्रों रह सकती है। 2024 में लोकसभा चुनाव भी हैं। हाल-फिलहाल तो बड़े-बड़े कॉरपोरेट हाउसेस के भी खर्चे रुक जाएंगे या फिर कुछ के तो रुक भी गए हैं। 
 
20 लाख करोड़ का राहत पैकेज : कोरोना (Corona) के मद्देनजर सरकार का 20 लाख करोड़ का जो राहत बजट पैकेज है, वह किसान, मजदूर सहित हर तबके के लोग, हर क्षेत्र एवं लघु एवं मध्यम उद्यमियों के लिए लाभप्रद है। इसके सकारात्मक परिणाम शीघ्र ही सामने आएंगे। हालांकि जो पैकेज सरकार ने दिए हैं, वह थोड़े समय के लिए हैं। छोटी या मध्यम कंपनी हैं, उन्हें तीन महीने की राहत मिली है, लेकिन तीन महीने का पेमेंट बाद में देना होगा। इसके लिए सरकार को बिजली, ब्याज सभी चुकाना होगा। मगर यह आएगा कहां से?
 
सरकार करे प्रत्यक्ष मदद : चीन की तुलना में भारत में जमीन महंगी है, बिजली महंगी है। सरकार को इसमें सब्सिडी देनी चाहिए। कई देशों में सरकारें बहुत मदद कर रही हैं। वहां 20 प्रतिशत वेतन सरकार ने कर्मचारियों को कंपनियों के माध्यम से दिया है। भारत में फ्री खाना एवं फ्री सामान बांटने तक ही सहायता सीमित है। भारत में भी सरकार को चाहिए कि वह एम्प्लॉयर को कर्मचारियों की मदद के लिए वेतन का कुछ हिस्सा दे। करोड़ों मजदूर एक जगह से दूसरी जगह पलायान कर गए हैं। बड़े शहरों से मजदूरों के पलायन का असर भी आने वाले समय में उद्योग-धंधों पर पड़ेगा। एक बार मजदूर जब अपने गांव जाता है तो जल्दी से वापस नहीं आता है।
  
वर्क फ्रॉम होम कल्चर बढ़ेगा : आने वाले समय में वर्क फ्रॉम होम कल्चर को बढ़ावा देना होगा। स्माल स्केल कंपनी वालों को भी ऐसा करना होगा। इससे ऑफिस के खर्चे कम होंगे। जूम मीटिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंस, ऑनलाइन मीटिंग के जरिए ही आफिस के काम चलेंगे। दूसरी ओर, पढ़ाई के तरीके भी बदल जाएंगे। क्लासों में फिजिकल प्रजेंस कम रहेगी। परीक्षा या जरूरी कार्यों के लिए ही शिक्षण संस्थानों में लोग दिखाई देंगे। ट्रांसपोर्ट के व्यापार पर भी प्रभाव रहेगा। डिमांड कम होने से सप्लाई कम होगी।
 
 
बढ़ सकते हैं सोने के दाम : एक्सपोर्ट एवं इम्पोर्ट का धंधा बंद हो गया है। इससे डॉलर का रेट बढ़ा है। आने वाले समय में डॉलर 80 से 90 रुपए के स्तर तक भी जा सकता है। भारत में सोना आयात होता है, जो कोरोना के चलते नहीं हो पा रहा है। आने वाले समय में सोने के भाव और बढ़ सकते हैं। लोग घर से बाहर नहीं निकलेंगे एवं ऑनलाइन शॉपिंग का कॉन्सेप्ट बढ़ेगा। 
 
जिस प्रकार से इन्वेस्टर का चीन से मोह भंग हुआ है, उससे उनका रुझान दूसरे देशों की तरफ बढ़ेगा। यह जरूरी नहीं है कि फोरेन इन्वेस्टमेंट भारत की ओर एकदम से आए। कुछ देशों में तो इंडस्ट्री लगाना आरंभ हो गया। इनमें वियतनाम सबसे पहले नंबर पर है। जिन लोगों ने चीन में पहले से इनवेस्टमेंट किया है, वहां रिटर्न जीरो मिलेगा। हालांकि जिनका भारी भरकम निवेश चीन में पहले से ही है, उन्हें अभी वहां से हटने में वक्त लगेगा।
 
विजन 2030 : मेरा मानना है कि 2030 में जापान, यूएस एवं विभिन्न देशों की कंपनियों के निवेश होंगे एवं कुल मिलाकर अच्छा रहेगा। 2030 में इकोनॉमी अच्छी रहेगी। इससे पहले 2020-21 चुनौतीपूर्ण है। इसमें नई प्रकार की इकोनॉमिक सोच का जन्म हो गया है। 20 मार्च 2020 के बाद विकास की मानसिकता जीवन बचाने एवं सर्वाइव करने की मानसिकता बदल गई है। 
 
किन सेक्टरों पर कैसा रहेगा असर
 
फाइनेंशियल सेक्टर : फायनेंस कंपनियां तो पहले से ही फायनेंस करके बैठी हैं। इसलिए उनका ब्याज का मीटर तो चालू ही है। पेमेंट देने वाले को देना ही होगा। ऐसे में उनको ज्यादा नुकसान नहीं होगा। यदि पैसा सही ढंग से सही लोगों को दिया गया है तो वह रिकवर हो जाएगा। इन्वेस्टमेंट कंपनियां भी आने वाले समय में ठीक रहेगी। अभी इन्वेस्टमेंट का सही समय है एवं आगे फायदा रहेगा।
 
इन सेक्टर में मिलाजुला असर : आईटी, शिक्षा, सॉफ्टवेयर सेक्टर में थोड़ा असर रह सकता है, परंतु मिलेजुले असर के साथ यह सेक्टर बढ़त हासिल करेंगे। 
 
इन सेक्टर में रहेगा बूम : एफएमसीजी, फूड इंडस्ट्री, हैल्थ, इंश्योरेंस, बैंकिंग, फार्मा, मेडिसिन, सर्विस, सिल्वर, गोल्ड, ऑनलाइन शॉपिंग जैसे क्षेत्रों में बूम देखने को मिल सकता है। 
 
इन सेक्टर में रहेगी मंदी : ट्रेवल, हास्पिीटेलिटी, पीआर, ईवेंट, पर्यटन, ऑटोमोबाइल, रिलीजन, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, वेब मीडिया, विज्ञापन, कपड़ा, पेट्रोलियम, एयरलाइंस, शेयर मार्केट, एक्सपोर्ट, इम्पोर्ट एवं प्रॉपर्टी में मंदी का दौर रहेगा। 
 
शेयर मार्केट में अभी खरीदने का सही समय है। प्रॉपर्टी का मार्केट भी कम रहेगा। इसका मुख्य कारण वर्क फ्रॉम होम से कॉमर्शियल बिल्डिंग कम होंगी या इनका निर्माण नहीं होगा। कामर्शियल प्रॉपर्टी पर लॉन्ग टर्म मंदी का असर रहेगा, जबकि रिहायशी प्रॉपर्टी पर अस्थायी असर है। आगे इसमें खरीद-फरोख्त होती रहेगी।
 
बिल्डिंग मेटेरियल, आयरन, स्टील : आने वाले समय में कुछ समय तक इसमें स्थिरता रहने का अनुमान है। सरकार के विकास कार्यों के साथ एवं सरकारी नीतियों के बूस्टर डोज के साथ इसमें उठाव आने के आसार हैं। 
 
विदेशी निवेश की संभावना : चीन से कुछ इंडस्ट्री के आने की संभावना से नहीं नकारा जा सकता है। इसलिए आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत होगी।
 
फिल्म उद्योग पर भी होगा असर : आने वाले समय में फिल्म उद्योग भी कमजोर रहने के आसार हैं। जहां तक मेरा मानना है आने वाले समय में अभिनेताओं एवं अभिनेत्रियों की फीस कम हो जाएगी। मुझे लगता है कि हाई बजट की फिल्में अब कुछ समय के लिए नहीं बनेंगी। कोई भी फिल्म निर्माता बड़े बजट की फिल्म बनाने का साहस नहीं करेगा। सामान्य बजट की ही फिल्में ज्यादा बनेंगी। कॉस्ट कटिंग यहां भी देखने को मिल सकती है।