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Last Modified: बुधवार, 26 मई 2021 (22:05 IST)

Corona के वुहान प्रयोगशाला से लीक होने के आरोप की स्वतंत्र जांच पर खामोश है चीन

Corona के वुहान प्रयोगशाला से लीक होने के आरोप की स्वतंत्र जांच पर खामोश है चीन - China is silent on an independent investigation into allegations of leaking from Corona's Wuhan laboratory
बीजिंग। चीन ने बुधवार को यह प्रश्न टाल दिया कि क्या वह वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान (डब्ल्यूआईवी) से कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के लीक होने के आरोपों की स्वतंत्र जांच की अनुमति देगा या नहीं। वहीं चीन के शोधार्थियों ने दावा किया है कि यह संक्रमण पैंगोलिन (एक प्रकार की छिपकली) से मनुष्य तक पहुंचा है।

कोरोनावायरस की उत्पत्ति पर स्वतंत्र जांच की मांग अमेरिका की नई रिपोर्ट के बाद और तेज हुई है, जिसमें कहा गया है कि डब्ल्यूआईवी के कुछ शोधकर्ता चीन द्वारा 30 दिसंबर 2019 को कोविड-19 के आधिकारिक ऐलान से पहले ही बीमार पड़ गए थे।

जांच की मांग पर सवालों के जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञ समूह द्वारा कोरोनावायरस की उत्पत्ति पर किए गए अध्ययन का हवाला दिया, किंतु इस प्रश्न को टाल दिया कि कोविड-19 के डब्ल्यूआईवी से लीक होने के आरोपों की जांच बीजिंग पर सहमत होगा या नहीं। इस विशेषज्ञ समूह ने वुहान और डब्ल्यूआईवी का दौरा किया था।

झाओ ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के मिशन के विशेषज्ञों ने वुहान के दौरे के दौरान क्षेत्र निरीक्षण किया था और कई आंकड़ों को देखा था जिसके बाद संयुक्त अध्ययन जारी किया था जिसमें कई निष्कर्ष हैं। मंगलवार को वॉशिंगटन से आई मीडिया खबरों में व्हाइट हाउस के कोरोनावायरस सलाहकार एंडी स्लाविट के हवाले से कहा गया है, हमें कोरोनावायरस की उत्पत्ति की तह में जाने की जरूरत है और डब्ल्यूएचओ तथा चीन को विश्व समुदाय को और निश्चित उत्तर देने चाहिए।
‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने 24 मई को खबर दी थी अप्रैल 2012 में छह खनिक एक खदान में जाने के बाद कोरोनावायरस जैसी रहस्यमय बीमारी से बीमार पड़ गए थे। यह खदान दक्षिण पश्चिम चीन के पहाड़ों में स्थित एक गांव के बाहर स्थित है। डब्ल्यूआईवी के शीर्ष शोधार्थियों ने इसकी जांच की थी।

डब्लूआईवी के शोधार्थियों का अब दावा है कि यह वायरस पैंगोलिन से अधिक करीब है और इसके वुहान लैब से निकलने की संभावना नहीं है।सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि नए शोध संकेत देते हैं कि नोवल कोरोनावायरस के डब्ल्यूआईवी से लीक होने की संभावना नहीं है।
डब्ल्यूआईवी और चीनी विज्ञान अकादमी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओ ने पिछले शुक्रवार को 'बायोरेक्सिव' पर प्रकाशित एकरिपोर्ट में इस कथन का खंडन किया है कि वायरस प्रयोगशाला से निकला है। इनमें शी झेंगली शामिल हैं जिन्हें चमगादड़ों पर शोध के लिए चीन की ‘बैट वूमैन’ कहा जाता है।

वुहान विश्वविद्यालय के विषाणु विज्ञान विशेषज्ञ यांग झानक्यू ने ‘ग्लोबल टाइम्स’ से कहा कि शुक्रवार की रिपोर्ट के आधार पर यह कहना सुरक्षित रहेगा कि चमगादड़ उस कोरोनावायरस के संभावित पूर्वज हैं, जिसके कारण 2003 में सार्स और हाल ही में कोविड-19 महामारी हुई है लेकिन कोरोनावायरस के स्वरूप पैंगोलिन में मिले हैं जो मनुष्यों में पाए जाने वाले नोवल कोरोनावायरस के करीब है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि वायरस कैसे चमगादड़ों से पैंगोलिन से होता हुआ मानव को लगा।(भाषा)
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