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Last Modified: बुधवार, 26 मई 2021 (18:53 IST)

अध्ययन में हुआ खुलासा, Corona के म्यूटेशन से लड़ने में सक्षम है Vaccine

अध्ययन में हुआ खुलासा, Corona के म्यूटेशन से लड़ने में सक्षम है Vaccine - Vaccine is able to fight the mutations of Corona, revealed in the study
नई दिल्ली। दिल्ली में निजी अस्पतालों द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 रोधी टीकों को कोरोनावायरस के उत्परिवर्तित स्वरूपों से लड़ने, लोगों को गंभीर संक्रमण, अस्पताल में भर्ती होने और यहां तक कि मौत के मुंह से बचाने में सक्षम पाया गया है।

कुछ लोगों में आंशिक या पूर्ण टीकाकरण के बाद भी संक्रमण के मामलों की खबर आई है। इस तरह के कुछ मामले भी सामने आए हैं जब पूरी तरह टीकाकरण होने के बावजूद लोगों की मौत हो गई। इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के मुताबिक, कोरोनावायरस के उत्परिवर्तित स्वरूपों पर टीके के प्रभाव को लेकर चिंता जाहिर किए जाने के कारण अध्ययन किया गया।

इस वर्ष टीकाकरण अभियान के पहले 100 दिनों के दौरान कोविशील्ड टीका लगाए जाने के बावजूद अस्पताल में संक्रमित पाए गए 69 स्वास्थ्यकर्मियों (लक्षणयुक्त) पर यह अध्ययन किया गया। अपोलो अस्पताल के समूह चिकित्सा निदेशक डॉ. अनुपम सिब्बल ने कहा कि 69 लोगों में 51 लोग संक्रमित होने से पहले टीके की दोनों खुराक ले चुके थे और शेष 18 ने पहली खुराक ली थी।

उन्होंने बताया कि यह संक्रमण मुख्यत: वायरस के बी.1.617.1 स्वरूप (47.83 फीसदी) से तथा बी.1 और बी.1.1.7 स्वरूपों से भी हुआ। सिब्बल ने कहा, मामूली लक्षण वाले इस समूह में केवल दो लोग अस्पताल में भर्ती हुए, लेकिन इससे कोई आईसीयू में भर्ती नहीं हुआ और न ही किसी की मौत हुई।
यह अनुसंधान महत्वपूर्ण है क्योंकि आधे से अधिक लोग वायरस के चिंताजनक स्वरूप (वीओसी) से संक्रमित थे और फिर भी गंभीर बीमारी से बच गए, जो टीकाकरण नहीं होने की स्थिति में उनके लिए खतरनाक हो सकता था।
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सक और अनुसंधान में शामिल डॉ. राजू वैश्य ने बताया कि टीकाकरण के बाद कोरोनावायरस का संक्रमण कुछ ही स्वास्थ्यकर्मियों में दिखा।
अध्ययन में इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण कराए जाने से वे गंभीर बीमारी और उस स्थिति से बच गए, जिसमें अस्पताल और आईसीयू में भर्ती कराए जाने की जरूरत होती है तथा इस कारण मौत भी हो सकती है। अस्पताल की तरफ से जारी यह दूसरा अध्ययन है।(भाषा) 
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