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  4. INS Mahe joins the Indian Navy, will be a nightmare for submarines
Last Updated : सोमवार, 24 नवंबर 2025 (12:34 IST)

भारतीय नौसेना में शामिल हुआ INS-माहे, पनडुब्बियों पर काल बनकर टूटेगा

INS Mahe
भारतीय नौसेना ने सोमवार को एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट INS-माहे को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। नौसेना में INS माहे की कमीशनिंग आज आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी की उपस्थिति में की मौजूदगी में हुई। INS माहे को बेड़े में शामिल करने के बाद भारतीय नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा हो गया है।

बता दें कि INS-माहे को दुश्मन की पनडुब्बियों का काल कहा जाता है। यह इतना ताकतवर है कि दुश्मनों पर काल बनकर टूट सकता है। बता दें कि इसके निर्माण में 80% से ज़्यादा स्वदेशी सामग्री इस्तेमाल की गई है, जो कि स्वेदेशी ताकत बताता है। जानते हैं आखिर क्या है INS-माहे।
INS Mahe

माहे के कमीशन होने से कम पानी में लड़ने वाले देसी जहाजों की एक नई पीढ़ी का आगमन हुआ है, जो फुर्तीले, तेज और पक्के इरादे वाले भारतीय होंगे। 80% से ज़्यादा स्वदेशी सामग्री के साथ, माहे-क्लास युद्धपोत के डिज़ाइन, निर्माण और एकीकरण में भारत की बढ़ती महारत को दिखाता है। यह पश्चिमी समुद्र तट पर एक 'साइलेंट हंटर' के तौर पर काम करेगा, जो आत्मनिर्भरता से चलेगा और भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए समर्पित होगा।

क्या हैं INS माहे की खूबियां : माहे-क्लास के पहले एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट INS-माहे को मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में कमीशन किया गया है। इस युद्धपोत को दुश्मन की पनडुब्बियों का दुश्मन माना जा रहा है। 78 मीटर लंबा ये जंगी बेड़ा मॉडर्न सोनार सिस्टम से लैस है और दुश्मन की पनडुब्बियों का पीछा करके उन्हें बर्बाद करने में इसे महारथ हासिल है। ये युद्धपोत आत्मनिर्भर भारत की मिसाल है। 80 फीसदी स्वदेसी तकनीक से बना INS माहे एंटी-सबमरीन वॉरफेयर–शैलो वॉटर क्राफ्ट कैटेगिरी का पहला युद्धपोत है। इसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड में किया गया है। ये जहाज उथले समुद्री इलाकों में दुश्मन की पनडुब्बियों को खोजकर उनकी निगरानी और हमले के लिए डिजाइन किया गया है। ये एक साथ कई मिशन को अंजाम दे सकता है।

आईएनएस माहे के कमीशनिंग पर, जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा- "सबसे पहले, माहे के कमांडिंग ऑफिसर, अधिकारियों और जवानों और इस समारोह में शामिल सभी लोगों को इतनी अच्छी व्यवस्था और उत्कृष्ट समारोह के लिए बधाई। भारतीय नौसेना के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे आठ पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों में से पहले आईएनएस माहे के कमीशनिंग समारोह में उपस्थित होना बेहद गर्व और सम्मान की गहरी भावना है। आज केवल समारोह नहीं है। यह न केवल युद्ध के समुद्री क्रम में एक शक्तिशाली नए मंच को शामिल करने का प्रतीक है, बल्कि स्वदेशी प्रौद्योगिकी के साथ जटिल लड़ाकू विमानों को डिजाइन करने, निर्माण करने और तैनात करने की हमारे देश की बढ़ती क्षमता की भी पुष्टि करता है, जिसका नाम भारत की समुद्री विरासत के प्रतीक ऐतिहासिक तटीय शहर माहे के नाम पर रखा गया है, यह जहाज नवाचार और सेवा की भावना का प्रतीक है।"
Edited By: Navin Rangiyal
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