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Last Updated : शुक्रवार, 15 मई 2020 (00:14 IST)

COVID-19 : भारत में 24 घंटे में 134 की मौत, 3,722 नए मामलों के साथ कोरोना मरीजों की संख्या 78 हजार के पार

COVID-19 : भारत में 24 घंटे में 134 की मौत, 3,722 नए मामलों के साथ कोरोना मरीजों की संख्या 78 हजार के पार - 24 hours 134 deaths and 3722 new cases coronavirus patients cross 78 thousand in country
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दोगुने होने की दर पिछले 3 दिन में धीमी होकर 13.9 दिन हो गई है। साथ ही अब कोविड-19 की जांच की भारत की क्षमता प्रतिदिन 1,00,000 परीक्षण की हो गई है और अब तक करीब 20 लाख परीक्षण किए जा चुके हैं।
 
इस बीच देश में गुरुवार को कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,549 हो गई, वहीं संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 78,003 पर पहुंच गई है। 
 
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि गुरुवार सुबह 8 बजे से पिछले 24 घंटे में 134 मरीजों की मौत हुई और 3,722 नए संक्रमित मरीज सामने आए जबकि अब तक 26,234 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। एक मरीज विदेश जा चुका है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब तक करीब 33.63 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। 
 
यहां राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के दौरे के बाद मंत्री ने कहा कि 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
 
इन राज्यों में गुजरात, तेलगाना, झारखंड, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, अरुणाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश, दादर और नागर हवेली, गोवा, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम तथा पुडुचेरी हैं। दमन और दीव, सिक्किम, नगालैंड तथा लक्षद्वीप से भी अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है।
 
स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में हर्षवर्धन के हवाले से कहा गया कि यह खुशी की बात है कि पिछले तीन दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दोगुने होने की दर धीमी होकर 13.9 दिन हो गई है जो पिछले 14 दिन में 11.1 थी। उन्होंने इस मौके पर कोबास 6800 जांच मशीन देश को समर्पित की।
 
जांच क्षमता बढ़ाने के संदर्भ में मंत्री ने कहा कि हमने अब प्रति दिन 1 लाख नमूनों की जांच की क्षमता विकसित कर ली है। आज एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि हमने अब तक देश में 500 से ज्यादा प्रयोगशालाओं (359 सरकारी और 145 निजी) में कोविड-19 के करीब 20 लाख नमूनों की जांच कर ली है।
 
उन्होंने बताया कि कोबास 6800 मशीन पहली पूरी तरह स्वचालित अत्याधुनिक मशीन है जिससे कोविड-19 की पीसीआर जांच का परिणाम उसी समय मिल जाता है। सरकार ने इस मशीन को खरीदा है और एनसीडीसी में इसे लगाया गया है।
 
हर्षवर्धन ने कहा कि कोबास 6800 से 24 घंटे में 1200 नमूनों की जांच की रफ्तार से गुणवत्ता पूर्ण परिणाम प्राप्त किए जा सकेंगे। इससे जांच क्षमता बढ़ेगी। 
 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मशीन की अन्य विशेषताओं की जानकारी देते हुए कहा कि यह रोबोट आधारित है जिससे स्वास्थ्यकर्मियों में संक्रमण और प्रदूषण की आशंका बहुत कम होगी क्योंकि इसे दूर से संचालित किया जा सकेगा।
 
एक आधिकारिक बयान के अनुसार इस मशीन को किसी भी केंद्र में नहीं रखा जा सकता। इससे वायरस हेपेटाइटिस बी और सी तथा एचआईवी आदि की भी जांच कर सकती है। हर्षवर्धन ने नियंत्रण कक्ष और जांच प्रयोगशालाओं का भी दौरा किया तथा एनसीडीसी के निदेशक डॉ. एसके सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जांच की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की।
 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार गुरुवार सुबह 8 बजे तक 24 घंटे में कोविड-19 से मौत के 134 मामले आए हैं और संक्रमण के 3,722 नए मामले सामने आए हैं। 
 
हर्षवर्धन ने कहा कि अब तक 26,235 लोग इस बीमारी से उबर चुके हैं और बुधवार को लोगों के स्वस्थ होने की दर 32.83 प्रतिशत से सुधरकर 33.6 प्रतिशत हो गई है मृत्यु दर 3.2 प्रतिशत थी।
 
उन्होंने कहा कि बुधवार को आईसीयू में कोविड-19 के तीन प्रतिशत मरीज थे, वेंटिलेटरों पर 0.39 फीसदी रोगी थे वहीं ऑक्सीजन पर 2.7 प्रतिशत रोगी थे।
 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए भविष्य की तैयारियों, प्रतिक्रियाओं और नई परिस्थितियों के अनुकूल ढालने के लिए विकासशील देशों की मुख्य क्षमताओं का निर्माण और उन्हें मजबूत बनाना जरूरी है।
 
हर्षवर्धन ने वीडियो लिंक के जरिए राष्ट्रमंडल देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की 32वीं बैठक में सभी मौजूदा और नए चिकित्सा उत्पादों तथा प्रौद्योगिकियों तक सार्वभौमिक और किफायती पहुंच पर जोर दिया है।
 
एक बयान में उनके हवाले से कहा गया है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए निष्पक्ष और न्यायसंगत ढंग से इनकी उपलब्धता होनी चाहिए। बैठक का विषय 'कोविड-19 को राष्ट्रमंडल देशों की प्रतिक्रिया' था।
हर्षवर्धन ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक सरकार के सक्रिय समर्थन से टीके, दवाओं, नैदानिक किट और विभिन्न जीवन रक्षक उपकरण विकसित कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि भविष्य की तैयारियों, प्रतिक्रिया और नई परिस्थितियों के अनुकूल ढालने के लिए विकासशील देशों की मुख्य क्षमताओं का निर्माण और उन्हें मजबूत करना जरूरी है। 
 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन को लागू किया गया। इसका उद्देश्य बीमारी के विस्फोटक प्रसार को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था श्वास संबंधी दिक्कतों के मामलों में तेजी से वृद्धि का सामना करने में सक्षम हो।
 
उन्होंने कहा कि भारत ने संकट के इस समय में एकजुटता और सहयोग में विस्तार देते हुए करीब 100 जरूरतमंद देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन जैसी आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराईं। (भाषा)
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