हाईकोर्ट के निर्देश पर तेजस्विन शंकर को मिली थी जगह, कॉमनवेल्थ गेम्स में रचा इतिहास
बर्मिंघम। दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर ऐन मौके पर टीम में शामिल किए गए तेजस्विन शंकर ने राष्ट्रमंडल खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धा में बुधवार को भारत का खाता खोलते हुए पुरूषों की ऊंची कूद स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी शंकर ने 2.22 मीटर की कूद लगाई। वे राष्ट्रमंडल खेलों में हाई जंप में पदक जीतने वाले पहले भारतीय है।
न्यूजीलैंड के हामिश केर को स्वर्ण और आस्ट्रेलिया के ब्रेंडन स्टार्क को रजत पदक मिला। दोनों ने 2.25 मीटर की कूद लगाई थी।
तेजस्विन शंकर 3 दिन पहले ही बर्मिंघम पहुंचे थे। दरअसल एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने तेजस्विन शंकर को राष्ट्रीय अंतरराज्यीय मीट में भाग नहीं लेने पर टीम से बाहर कर दिया था। इस पर उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट की शरण ली।
आखिर में तेजस्विन शंकर को घायल रिले धावक अरोकिया राजीव के रिप्लेसमेंट के तौर पर भारतीय दल में शामिल किया गया और उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से देश को ऊंची कूद में पदक दिला दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रमंडल खेलों में ऊंची कूद स्पर्धा में देश के लिए अब तक का पहला पदक जीतकर इतिहास रचने के लिए तेजस्विन शंकर को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, 'तेजस्विन शंकर ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में ऊंची कूद में हमारा पहला पदक जीता है। कांस्य पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई। उनके प्रयासों पर गर्व है। भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं। वह सफलता प्राप्त करते रहें।'
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत ने अब तक 5 गोल्ड, 6 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज समेत कुछ 16 पदक हासिल किए हैं।